अमरकंटक। पवित्र नगरी अमरकंटक में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का एक अलग ही महत्व है अमरकंटक चूंकि संतों महात्माओं की नगरी है यहां पर संत महात्माओं को मां नर्मदा के बाद पूजा जाता है इसका तात्पर्य है कि संत महात्माओं को भगवान की तरह ही पूजा जाता है और अमरकंटक में व आसपास अनेकों आश्रम धर्मशाला हैं जिसमें काफी समय से संत महात्मा निवासरत है उसी तारतम में अमरकंटक के प्रमुख आश्रमों में श्री कल्याण सेवा आश्रम, मृत्युंजय आश्रम, शांति कुटी आश्रम, मार्कंडेय आश्रम, फलाहारी आश्रम, श्री धारकुंडी आश्रम और अन्य छोटे-बड़े आश्रमों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु के पूजन का आयोजन हुआ अमरकंटक के प्रमुख संतों में बाबा कल्याण दास महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर राम कृष्णानंद महाराज, महामंडलेश्वर शारदा नंद महाराज, महंत राम भूषण दास महाराज के आश्रमों में दूर-दूर से भक्तगण पधार कर गुरु पूर्णिमा पर्व का महोत्सव मनाया। आश्रमो से मिली जानकारीनुसार शासन के कोविड-19 का पूर्णतया रुप से पालन भी किया। अमरकंटक में भारी वर्षा होने के कारण गुरुपूर्णिमा में शिष्यों की संख्या ज्यादा नही पहुंच सकी व आश्रमो द्वारा पूर्व में ही सूचित कर निर्देश दे दिया गया था कि अपने घरों में ही गुरु पर्व मनाए। कल्याण सेवा आश्रम में 31 जुलाई से रोजाना मुरारी बापू का कथा होगा जो कि आस्था चैनल के माध्यम से सुबह 10 बजे से कथा का श्रवण किया जा सकता है। कोविड 19 को ध्यान में रखकर भक्तगण सीमित रूप में कार्यक्रम का रूप दिया जाएगा ऐसा आश्रम के ब्यवस्थापक ने जानकारी दी। जिन आश्रमो में संत गुरुजन यंहा उपश्थित नही थे उन जगहों पर गुरु प्रतिमा पर पुष्प,श्रीफल मिष्ठान अर्पित कर आरती पूजन कर माथा टेक भक्तों शिष्यों ने गुरुवर का आशीर्वाद प्राप्त किया।