अनूपपुर

टी.बी. का होता है निःशुल्क शर्तिया इलाज

रिपोर्टर प्रकाश कुशवाहा

अनूपपुर। टी.बी. हो जाने पर रोगी का छः महीने तक निःशुल्क शर्तियां इलाज किया जाता है और ऊपर से खान-पान के लिए प्रति माह पांच सौ रुपये अलग से रोगी को दिए जाते हैं। यह इलाज सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क किया जाता है। यह जानकारी यहां विश्व क्षय दिवस के अवसर पर आयोजित हुई कार्यशाला में दी गई। इस मौके पर टी.बी. मुक्त शहर बनाने के लिए जिला अस्पताल से जन जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.सी. राय ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उक्त अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. राय ने कहा कि टी.बी. को मिटाने का संदेश अब हमें घर घर तक पहुंचाना हैं। शत् प्रतिशत टीबी रोगी खोजकर डाट सुविधा उपलब्ध कराने तथा सभी मरीजों का नोटीफिकेशन कर रजिस्टर करना एवं टीबी के मरीजों की निःशुल्क जाॅच व दवाएं उपलब्ध करना स्वास्थ्य विभाग का दायित्व है। जिला आई.ई.सी. सलाहकार मो. साजिद खान ने कहा कि व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ जिले को क्षय रोग मुक्त बनाने हेतु पहल करने की आवश्यकता है। इसी कडी मे जिला चिकित्सालय से इंदिरा चौक तहसील होते हुए अस्पताल में रैली का समापन किया गया। रैली में ए.एन.एम. टी.सी. की छात्राओं एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में भाग लिया। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम समन्वयक कु. अंकिता जैन एवं मो. सोहराब असांरी ने टीबी के प्रमुख लक्षणो के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आना, खंखार आना, खंखार मे खून आना, शाम के समय बुखार आना, शाम को पसीना आना, भूख कम लगना या भूख नहीं लगना, वजन कम होना तथा छाती व हाथ पैर मे दर्द होना टीबी रोगियों के प्रमुख लक्षण है। जिले में टी.बी. के रोगियो की जाॅंच हेतु 12 स्वास्थ्य संस्थाओं मे खंखार जाॅच केन्द्र स्थापित हैं, जहाॅं पर खंखार की जाॅंच से टीबी. के होने अथवा नहीं होने का पता लगता है। टी.बी. होने पर इसका नियमित उपचार लेने से यह ठीक हो जाती है।

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