बिना सीपीसीटी किये अंगद के पांव के भांती जमे अहिरवार, मामला ईएसआई हाॅस्पिटल अमलाई का
रिपोर्टर संजीत सोनवानी

अनूपपुर/अमलाई। शहडोल लिजे के अन्तर्गत ओपीएम में स्थित ईएसआई हाॅस्पिटल के जिम्मेदारो ने यहां खुली लूट मचा रखी है। या कहें तो वेलागम हाॅस्पिटल में भर्रेसाही का आलम है सू़त्रो के मुताबिक ईएसआई हाॅस्पिटल में राज्य बीमा सेवा के तहत कर्मचारियों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है। लेकिन इस हाॅस्पिटल में चाहे दवाई खरीदी का मामला हो या फिर अनुकंम्पा नियुक्तियों का हो शासन के गाईड लाइन के विपरित ही होता नजर आता है। आपको बता दे की इस हाॅस्पिटल में सहायक ग्रेड-3 मे पदस्थ राजेन्द्र अहिरवार को उनके पिता भोला प्रसाद जो की चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत थे। जिनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र को अनुकम्पा नियुक्ति 5 सितम्बर 2014 को ईएसआई हाॅस्पिटल अमलाई ओपीएम में किया गया और शासन के नियम शर्ते यह थे कि आपको 3 साल के अन्दर सीपीसीटी का रिजल्ट शासन के समाने प्रस्तुत करना हैं। लेकिन आज लगभग ढ़ाई साल होने जा रहा हैं। राजेन्द्र अहिरवार ने कम्प्यूटर से संबंधित डिप्लोमा शासन को प्रस्तुत नही किया। जिससे यहां अनुमान लगया जा सकता हैं कि ढाई साल से इनकी नियुक्ति फर्जी तरीके से सहायक ग्रेड-3 पदस्थ है।
यह था पूरा मामला
भोलाप्रसाद चतुर्थ श्रेणी का शासकीय सेवा में हुए दिनांक 25 मार्च 2013 को निधन होने से उनके पुत्र राजेन्द्र प्रसाद अहिरवार को विभागान्तर्गत सहायक ग्रेड-3 के पद पर संचालनालय के आदेश क्रमांक/स्था./अवि./2014 05 सितम्बर 2014 द्वारा अनुकंपा नियुक्ति इस शर्ते पर प्रदान की गई थी की वह सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप 18 अगस्त 2008 के अनुसार एक वर्ष की समयावधि में हिन्दी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करेंगें। तद्नुसार अहिरवार द्वारा 11 सितम्बर 2014 को कार्यभार ग्रहण किया गया। लेकिन इसके पश्चात् शासन के द्वारा इनकों नोटिस के माध्यम से अवगत कराया गया था कि राजेन्द्र अहिरवार की प्रथम नियुक्ति 11 सितम्बर 2014 अनुसार चार वर्ष की समयावधि 10 सितम्बर 2018 को पूर्ण हो चुकी हैं। इसके बावजूद भी इन्होंने शासन को ठेंगा दिखाते हुऐ सहायक ग्रेड-3 में जमे हुऐ है।
यह था शासन का आदेश
संचालनालय, इंदौर द्वारा पत्र क्रमांक 6349 13 सितम्बर 2015 राजेन्द्र प्रसाद अहिरवार को जारी कर अवगत किया गया। शासन द्वारा हिन्दी मुद्रलेखन के स्थान पर सीपीसीटी परीक्षा अनिवार्य की गई है अतः तद्नुसार निर्धारित अवधि में सीपीसीटी अर्हत अनिवार्यतः अर्जित करना सुनिश्चित करे। तत्पश्चात् पुनः पत्र 03 अगस्त 2017 जारी कर सीपीसीटी अर्हता अर्जित कर प्रमाण-पत्र निर्धारित अवधि में प्रस्तुत करने बाबद् निर्देशित किया गया, यादि आपके द्वारा सीपीसीटी अर्हता अर्जित नही की जाती है, तो आपकी अनुकम्पा नियुक्ति समाप्त कर दी जायेगी।
इनका कहना है।
हां इनकी षिकायत भी हुई है और अनुकम्पा नियुक्ति उनकी डिग्री को देखते हुऐ दिया गया था और शासन के नियमानुसार 3 साल का समय पीजी के लिये दिया गया था। पर उनका समयनुसार नही हुआ तो उनको नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन उनके निवेदन दिया गया था। कि बच्चे का केंसर इलाज चल रहा था अब जो भी निर्णय लेगा वह संचालनायल ही लेगा।
डाॅ. डी. के. गोटिया
उपसंचालक ईएसआई जबलपुर