प्रबंधन की दोहरी नीति के कारण श्रमसंघों ने किया बैठक का बहिष्कार
प्रबंधन की दोहरी नीति के कारण श्रमसंघों ने किया बैठक का बहिष्कार
जमुना कोतमा क्षेत्र में होगा धरना प्रदर्शन
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा क्षेत्र का प्रबंधन दोहरी नीति के कार्य आचरण से नियम विरुद्ध तरीके से अपने अधिकारियों का कैसे संरक्षण और पालन करती है आज क्षेत्र के संयुक्त सलाहकार समिति के सदस्यों की बैठक में इसका खुलासा हुआ ।
मामला यह है कि दिनांक 24/07/2020 को क्षेत्र के सभी श्रम संघ के जे सी सी सदस्यों ने क्षेत्रीय महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मांग किया था कि क्षेत्र में सभी समितियों और आई आर की बैठक प्रबंधन द्वारा जानबूझकर बंद किया गया और दूसरे पत्र में संयुक्त तौर पर हस्ताक्षर कर मांग किया था कि संवेदनशील पदों में पदस्थ उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाय, जो 03 वर्ष से ज्यादा समय से एक ही पदस्थापना में कार्यरत हैं एवं न किए जाने पर 07 दिवस बाद धरना प्रदर्शन सभी श्रम संघ द्वारा महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष किया जावेगा। पत्र प्रेषित होने के बंद प्रबंधन के कान में जू रेंगा और दिनांक 28/07/2020 को शाम 5:30 संयुक्त सलाहकार समिति का बैठक किया गया। बैठक में सभी सदस्यों ने एक स्वर में आमाडांड ओसीपी में पदस्थ उप कार्मिक प्रबंधक, चरणजीत सिंह जिनका ओसीपी में पदस्थापना को तीन वर्ष पूर्ण होने पर अन्यत्र स्थानांतरण की मांग किया गया। कारण यह था कि चरणजीत सिंह के विरुद्ध 30/06/2020 को ओसीपी इकाई के समस्त जे सी सी ने सामूहिक लिखित पत्र से शिकायत किया था कि चरणजीत के द्वारा कर्मियों से अभद्र भाषा का व्यवहार किया जाता है एवं इनका व्यवहार दिन प्रतिदिन ज्यादा उग्र होता जा रहा है। अतः इनका अन्यत्र स्थानांतरण किया जाय।
उक्त बैठक में जब प्रबंधन ने क्षेत्र के जे सी सी सदस्यों से सीधा झूठ बोला कि आमाडांड ओसीपी में चरणजीत की पदस्थापना को तीन वर्ष नहीं हुआ है। जबकि वास्तविकता यह है कि तीन वर्ष से ज्यादा समय एक इकाई में हो गया है। प्रबंधन ने चरणजीत का बचाव करते हुए यह कहकर सिद्ध करना चाहा कि तीन वर्ष से ज्यादा तो हुए किंतु एक अधिकारी और भी थे चरणजीत सिंह को अकेले विभाग प्रमुख के तौर पर तीन वर्ष नहीं हुआ। प्रबंधन का इतना हास्यास्पद और बचकाना जवाब सुन सभी श्रम संघ के जे सी सी सदस्यों ने बैठक का वहिष्कार कर दिया । जे सी सी सदस्यों ने बताया जब प्रबंधन स्वयं सतर्कता विभाग के दिशा निर्देशों के पालन का अव्हेलना कर रही हो और एक कनिष्ठ अधिकारी को गलत दोहरी नीति से संरक्षण कर सीधे सीधे जब जे सी सी सदस्यों को मूर्ख समझ उन्हें है वेवकूफ बना रही है तब इस क्षेत्र के श्रमिकों का कल्याण और हित में प्रबंधन कोई कार्य कर है नहीं सकता। इस क्षेत्र का हाल वहीं है कि अंधेर नगरी चौपट राजा । तभी तो कोयला उत्पादन ठप्प और भ्रष्टाचार चरम सीमा में है ।
जब सभी जे सी सी सदस्यों ने बैठक का वहिष्कार कर उठकर चल दिए ठीक उस समय क्षेत्र के महाप्रबंधक अपने कक्ष में बैठे रहे और उन्होंने जे सी सी सदस्यों से बातचीत करना उचित नहीं समझा। सभी श्रम संघ को शुरू से महसूस कर है रहे थे कि जी एम् स्वयं इस मामले में सतर्कता विभाग के नियमो की अनदेखी करवा रहे हैं। इसी वजह से श्रम संघ के जे सी सी सदस्यों ने तय किया कि दिनांक 03 के बाद मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कोविड 19 के संबंध में जारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए तब तक किया जावेगा, जब तक प्रबंधन चरणजीत सिंह जैसे क्षेत्र के संवेदनशील पदों में अधिकारी 03 वर्ष से ज्यादा समय से एक ही पदस्थापना में कार्यरत हैं, उनके विरुद्ध न्यायसंगत उचित कार्यवाही नहीं करता है।