*एस०ई०सी०एल० के संयुक्त श्रमसंघो की बैठक संपन्न हुई*- *हरिद्वार सिंह*
*एस०ई०सी०एल० के संयुक्त श्रमसंघो की बैठक संपन्न हुई*- *हरिद्वार सिंह*
*संयुक्त श्रमसंघो द्वारा 12 सूत्रीय मांगो के समर्थन में 30 सितम्बर को एसईसीएल के सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जुलुस, प्रदर्शन कर सौपा जायेगा मांग पत्र*
*08 सितम्बर को एसईसीएल के सभी खदानों/इकाइओं में विशाल प्रदर्शन एवं धरना के साथ मनाया जायेगा विरोध दिवस*
संतोष चौरसिया
अनूपपुर जमुना कोतमा दिनांक 26 सितम्बर 2020 को एचएमएस, एटक, बीएमएस, इंटक, सीटू एवं एसईकेएमसी संगठनो के एस०ई०सी०एल० स्तर के नेताओ की वर्चुअल बैठक श्री मजरुल हक़ अन्सारी, समन्वयक/आई.आर.प्रभारी, बी.के.एम.एस.(बी.एम.एस.) की अध्यक्षता में संपन्न हुयी | बैठक में श्री नाथूलाल पांडेय, महामंत्री, के.एम.एस.(एच.एम.एस.) एस०ई०सी०एल०, का० हरिद्वार सिंह, महामंत्री, एस.के.एम.एस.(एटक), एस०ई०सी०एल०, श्री मजरुल हक़ अन्सारी, समन्वयक/आई.आर.प्रभारी, बी.के.एम.एस. (बी.एम.एस.) एस०ई०सी०एल०, श्री पी.के.राय, महामंत्री, आर.के.के.एस.(इंटक) एस०ई०सी०एल०, का०जे.एस.सोढ़ी, महामंत्री, के.एस.एस.(सीटू) एवं श्री गोपाल नारायण सिंह, महामंत्री, एसईकेएमसी, एस०ई०सी०एल० ने विशेष रूप से भाग लिया | सर्वप्रथम कोविड-19 से मृत हुए लोगों को शोक सभा कर श्रद्धांजलि दी गयी| बैठक में भारत सरकार द्वारा मजदूरों एवं किसानो के हितो के खिलाफ लगातार लाये जा रहे कानून तथा पांचो श्रम संघो के फेडरेशन की दिनांक 21-09-2020 को हुई बैठक में लिए गये निर्णय पर विस्तार से चर्चा हुई और गहन चिंतन-मंथन किया गया | लम्बी चर्चा उपरांत निम्न बिन्दुओ पर निर्णय लिया गया –
1) सामाजिक दुरी बनाकर दिनांक 30-09-2020 को एसईसीएल के सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जुलुस, प्रदर्शन, गेट मीटिंग कर संयुक्त रूप से कर मांग पत्र सौपा जायेगा |
2) दिनांक 01-10-2020 से 07-10-2020 तक एसईसीएल के सभी खदानों/इकाइओं में संयुक्त रूप से गेट मीटिंग, जन संपर्क के द्वारा प्रचार प्रसार किया जायेगा |
3) 08-10-2020 को एसईसीएल के सभी खदानों/इकाइओं में विशाल प्रदर्शन एवं धरना के साथ विरोध दिवस मनाया जायेगा |
4) क्षेत्रीय स्तर पर परचा छपाकर ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को वितरित किया जायेगा |
5) प्रबंधन ने जमीन के बदले नौकरी देने के प्रावधान को समाप्त करने का निर्णय लिया है इसीलिए यह बहुत ही आवश्यक है कि किसानो को भी इस आन्दोलन से जोड़ कर आन्दोलन को और मज़बूत बनाया जाये |
*प्रमुख मांगे*-
1- कोयला उद्योग में कोल ब्लॉकों की कॉमर्सियल माईनिंग हेतु प्रस्तावित नीलामी को रद्द किया जाये ।
2- कोल इंडिया के शेयरों के विनिवेश अथवा बाई बैक पर तत्काल रोक लगाई जाये और कोल इंडिया एवं सिंगरेनी कालरीज कम्पनी को कमजोर करने के किसी भी कदम को तुरंत रोका जाये |
3- सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने या सीएमपीडीआई को विभाजित करने के प्रस्ताव/योजना पर तत्काल रोक लगाई जाये |
4- भू-आश्रितों को कानूनन भू-मुआवजा एवं भू-आश्रित को नौकरी की व्यवस्था को पूर्ववत चालू रखते हुए Coal India Annuity Scheme 2020 के निर्णय को अविलम्ब वापस लिया जाये |
5- कोयला खदानों को बंद करने का प्रबंधन के एकतरफा निर्णय पर रोक लगाई जाये और बंद की गई खदानों को फिर से चालू किया जाये |
6- 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की उम्र के बाद जबरन सेवानिवृत्ति से सम्बंधित भारत सरकार का आदेश अविलम्ब वापस लिया जाये |
7- कोल इंडिया और सिंगरेनी कालरीज कम्पनी लिमिटेड में ठेका मजदूरों लिए कोल इंडिया की हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित बढ़ा हुआ वेतन लागू करना सुनिश्चित किया जाये (Ref : CIL परिपत्र संख्या – C-B / JBCCI / HPC / 566 दिनांक 18.02.2013)
8- कोल इंडिया एपेक्स जेसीसी की बैठकों के दौरान उठाये गए मुद्दों जैसे- 01-01-2017 से बढ़ी हुई अर्थात 20 लाख रुपये तक ग्रेज्युटी का भुगतान, कोल इंडिया द्वारा पेंशन में फंडिंग और आई.आई.76 को लागु करने सहित कोल वेज एग्रीमेंट्स के खंड 9.3.0 /9.4.0 / 9.5.0 का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाये |
9- कोयला मजदूरों को दुर्गा पूजा के पूर्व बोनस/एक्सग्रेसिया भुगतान करने का फैसला शीघ्र किया जाये |
10- लेबर कोड बिलों को वापस लिया जाये तथा उनके क्रियान्वयन पर रोक लगाईं जाये |
11- किसानो के अधिकार छीनने वाले तीनो कानूनों को रद्द किया जाये और किसानो की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दर पर खरीद न हो, इसके लिए कानून बनाया जाये |
12- 2 से 4 जुलाई 2020 की हड़्ताल मे कोल इंडिया के जिन अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अतिसक्रियता दिखाई है उन पर कारवाई की जाये |
संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक), एस०ई०सी०एल० के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि इस सरकार ने सिद्ध कर दिया कि यह पूरी तरह से मजदूर विरोधी और किसान विरोधी है | संसद में लगातार मजदूर विरोधी और किसान विरोधी कानून पास किया जा रहे है | यहाँ तक कि विपक्ष को भी दरकिनार कर दिया गया है | संसद में बिल पर बिना चर्चा किये पास कर दिया जा रहा है | देश के किसान सडको पर हैं | फिर भी इस सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है | यह सरकार पूंजीपतियों के हाथो की कठपुतली बन गया है इसलिए पूंजीपतियों के पक्ष में फैसले किये जा रहे है | कोरोना काल में भी कोयला मजदूरों ने लगातार कार्य किया है और अपनी जान जोखिम में डालकर बिना किसी रुकावट के देश को ऊर्जा दिया है | साथ ही साथ कोयला मजदूरों के द्वारा कोरोना महामारी में देश को बड़ा आर्थिक मदद किया गया है | फिर भी यह मजदूर विरोधी सरकार कोल इंडिया सहित सभी पब्लिक सेक्टर को बर्बाद करना चाहता है | श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी एवं मालिकपक्षीय संशोधन किये जा रहे है | मजदूरों के सभी मूलभूत अधिकारों को ख़त्म कर दिया जा रहा है | 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 कोड पारित किये गए है जिसमे श्रमिको के कई अधिकार ख़त्म कर दिए गए है | प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा के पूर्व कोयला मजदूरों को बोनस दिया जाता रहा है लेकिन अभी तक कोल इंडिया प्रबंधन ने बोनस के ऊपर कोई चर्चा नहीं किया है | सभी यूनियन ने मांग किया है की अविलम्ब बोनस भुगतान के लिए बैठक बुलाई जाए | कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की उम्र के बाद जबरन सेवानिवृत्ति करने का फैसला सरकार द्वारा लिया जा रहा है जो की पुर्णतः मजदूर विरोधी है | सभी यूनियन ने मांग किया है की इस तरह के फैसले अविलम्ब वापस लिया जाये | ज़मीन के बदले नौकरी नहीं देने का फैसला किसान विरोधी है ऐसे में कोई भी किसान अपनी ज़मीन कोल इंडिया को नहीं देगा और नई खदाने नहीं खुल पाएंगी इसलिए यह फैसला वापस लिया जाये | इसके साथ ही कई मांगे है जिनके लिए आन्दोलन किया जायेगा |
कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि कोल इंडिया के ऊपर वर्तमान में जो खतरा है इसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि सभी यूनियन एवं कोयला मजदूर एकजुट होकर भारत सरकार की उद्योग एवं मजदूर विरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला करें और कोल इंडिया को बचाएं। देश के सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन एक साथ हैं, एकजुट हैं, ऐसे में अन्य संगठनों एवं एसोसिएशनो, किसानो, मजदूरों के साथ में आ जाने से यह आंदोलन और भी मजबूत होगा। एसईसीएल में संयुक्त श्रमसंघो एटक, एचएमएस, बीएमएस, इंटक, सीटू एवं एसईकेएमसी के द्वारा 12 सूत्रीय मांगो के समर्थन में 30 सितम्बर को एसईसीएल के सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जुलुस, प्रदर्शन कर मांग पत्र सौपा जायेगा, दिनांक 01-10-2020 से 07-10-2020 तक एसईसीएल के सभी खदानों/इकाइओं में संयुक्त रूप से गेट मीटिंग, जन संपर्क के द्वारा प्रचार प्रसार किया जायेगा तथा 08 सितम्बर को एसईसीएल के सभी खदानों/इकाइओं में विशाल प्रदर्शन एवं धरना के साथ विरोध दिवस मनाया जायेगा | यह आन्दोलन लगातार जारी रहेगा |