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श्रमसंघ सदस्यता सत्यापन में न हो जल्दबाजी श्रीकांत शुक्ला ने सीएमडी को लिखा पत्र

श्रमसंघ सदस्यता सत्यापन में न हो जल्दबाजी
श्रीकांत शुक्ला ने सीएमडी को लिखा पत्र
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा क्षेत्र के कोयला मजदूर सभा (एच एम एस) के क्षेत्रीय अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष श्री श्रीकांत शुक्ला जी ने एस ई सी एल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक से पत्र लिखकर मांग किया है कि कोरोना वायरस महामारी से देश के बिषम परिस्थितयों में भी कोयला उद्योग और कोल इंडिया के कर्मचारी स्वयं का जीवन दांव में लगाकर अनवरत अपनी सेवा देकर देश की सच्ची सेवा कर रहे है। एस ई सी एल में भी प्रतिवर्ष श्रमसंघों के श्रमिक सदस्यता का सत्यापन होता आ रहा है। किंतु क्षेत्र के कई अधिकारी और श्रमिक कोरोना के बीमारी से ग्रसित है और दिनोदिन उनकी संख्या में वृद्धि होती जा रही है। क्षेत्र के कई आमजनों की मृत्यु भी कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है। नवम्बर माह में विधानसभा का उपचुनाव होने और आचार संहिता लागू हो जाने से श्रमिक सदस्यता सत्यापन को एक दो माह बाद किया जाना स्वास्थ्य और श्रमिक हित मे ज्यादा श्रेयष्कर होगा। जब श्री शुक्ला जी से इस संबंध में जानकारी चाही तब उन्होंने बताया कि मैंने श्रमिकों की मंशा और मांग के अनुरूप पत्र लिखा कि आगामी चुनाव और कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए श्रमिकों के संघ सदस्यता सत्यापन को नवम्बर माह या उसके बाद करवाना कंपनी और श्रमिक स्वास्थ्य के हित मे ज्यादा उचित होगा। क्योंकि क्षेत्र में विधान सभा उपचुनाव आगामी माह होने से बाहरी लोगों का आना-जाना ज्यादा होगा । यहाँ तक कि श्रमिकों के घर- घर सभी दलों के नेता एवं कार्यकर्ता प्रचार- प्रसार के कारण जायेगे । उपरोक्त कारणों से मैंने सी एम डी साहब को पत्र लिखा है। साथ ही मैं मान. प्रधानमंत्री और प्रदेश के मान. महामहीम राज्यपाल जी को भी पत्र लिखने जा रहा हूँ कि कोरोना वायरस के प्रकोप से क्षेत्र की जनता की रक्षा के लिए होने वाले उपचुनाव को कुछ माह और लंबित रखा जाय, क्योकि उपचुनाव की तिथि की घोषणा होते ही लागू अचार संहिता का और कोविड़-19 से संबंधित दिश-निर्देशों का पालन नही होने से कोरोना महामारी का प्रसार बहुत तेजी से बढ़ेगा जिससे जनधन की हानि होगी। यदि चुनाव की तिथि बढ़ाना संभव न हो तब लागू आचार संहिता का कड़ाई से पालन हो एवं कोविड़ वायरस से संबंधित भारत सरकार और जिला दंडाधिकारी के दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से हो। क्योकि प्रायः देखा जा रहा है कि हर चुनावी सभाओं में हजारों की संख्या में भीड़ एक जगह एक साथ एकत्रित होते है

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