*जमुना मे मनाया गया एटक का 100 वां स्थापना दिवस*
*जमुना मे मनाया गया एटक का 100 वां स्थापना दिवस*
*कामरेड गुरूदास दासगुप्ता, भूतपूर्व सांसद व भूतपूर्व राष्ट्रीय महासचिव, एटक का प्रथम पुण्यतिथि भी मनाया गया*
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा केंद्रीय ट्रेड यूनियन एटक देश का पहला मजदूर संगठन है एटक की स्थापना 31 अक्टूबर 1920 में हुई थी और 31 अक्टूबर 2020 को एटक यूनियन का 100 वर्ष पूर्ण हुआ है आज पूरे देश मे एटक का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है इसी कड़ी में संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) जमुना कोतमा क्षेत्र के द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय जमुना मे एटक का 100 वां स्थापना दिवस कामरेड राजकुमार शर्मा की अध्यक्षता में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया इसके साथ ही कामरेड गुरूदास दासगुप्ता, भूतपूर्व सांसद व भूतपूर्व राष्ट्रीय महासचिव एटक का प्रथम पुण्यतिथि भी मनाया गया उपस्थित यूनियन के प्रतिनिधियों ने क्रमवार कामरेड गुरूदास दासगुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया पिछले वर्ष दिनांक 31 अक्टूबर 2019 को कामरेड गुरूदास दासगुप्ता का स्वर्गवास हो गया था। कामरेड गुरूदास दासगुप्ता क्रांतिकारी नेता रहे हैं जिन्होंने देश के मजदूर वर्ग, किसानों, मेहनतकशों आदि के कई आंदोलन व संघर्ष किए हैं
आज के कार्यक्रम में एटक जमुना कोतमा क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव कामरेड लालमन सिंह एवं उपस्थित यूनियन प्रतिनिधियों के द्वारा क्रमवार एटक के इतिहास, संघर्ष, मजदूर आंदोलन में एटक की भूमिका के बारे में बताया गया
आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जमुना कोतमा क्षेत्र के महामंत्री एटक यूनियन लालमन सिंह सिंह रहे कामरेड लालमन सिंह ने कामरेड गुरूदास दास गुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित किया व एटक के इतिहास, संघर्ष, आंदोलन आदि के बारे में विस्तार से उपस्थित लोगों को बताया। कामरेड लालमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि एटक की स्थापना 31 अक्टूबर 1920 में हुई थी और आज 31 अक्टूबर 2020 को एटक यूनियन का 100 वर्ष पूर्ण हो रहा है एटक देश का पहला मजदूर संगठन है जिसने 100 वर्ष पूर्ण किए हैं। एटक का यह 100 वर्ष बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है। इस बीच हमारे कई क्रांतिकारी नेता भी हमारे बीच नहीं रहे। एटक ने संघर्ष व आंदोलन कर कई कानून मजदूर हित में बनवाए, जब देश में एटक के अलावा कोई दूसरा मज़दूर संगठन नहीं था 1923 में वर्कमेन कंपनसेशन एक्ट (कामगार क्षतिपूर्ति अधिनियम) बना, 1926 में ट्रेड यूनियन एक्ट बना जिससे मजदूर व मेहनतकशों को ट्रेड यूनियन बनाने का अधिकार मिला। ऐसे कई कानून एटक ने संघर्ष कर बनवाए हैं। एटक का 100 वर्षों का इतिहास बहुत ही संघर्षपूर्ण और गौरवशाली रहा है। एटक ने इन 100 वर्षों में मज़दूर वर्ग, दबे-कुचले, किसानों, व मेहनतकशों इत्यादि के लिए लड़ाई लड़ा है, संघर्ष किया है और आगे भी एटक का यह संघर्ष जारी रहेगा
आज के कार्यक्रम में एटक जमुना कोतमा क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने कहा कि जमुना कोतमा क्षेत्र ही नहीं पूरे एसईसीएल में एटक नंबर वन पर परचम लहराएगा और क्रांतिकारी अभिनंदन लाल सलाम के नारे लगते रहे पदाधिकारी एवं विभिन्न इकाइयों के पदाधिकारीगण व सक्रिय कार्यकर्ता बड़ी संख्या मे उपस्थित रहें कार्यक्रम की शुरुआत झंडा फहराकर और केक काटकर निशा मिश्रा की अगुवाई में किया गया इस दौरान पूरा एटक कार्यालय जगमग रोशनी झंडा बैनर पोस्टर से भरा रहा इस दौरान मुख्य आकर्षण का केंद्र सुरेश पोद्दार एवं उनकी टीम चंद्र प्रकाश सोनी मनीष नितेश पोद्दार बबलू आदि के राष्ट्रगीत आजादी के मतवालों को चीन ने फिर ललकारा है यह धरती मां है मेरी तुम मेरी कब्र पर हिंदुस्तान लिख देना साईं मिलन की आस व गजल हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह पर एटक परिवार के लोग नाचते गाते झूमते हुए जश्न मनाया इस दौरान लालमन सिंह राजकुमार शर्मा निशा मिश्रा उग्र भान मिश्रा ऋषि तिवारी पूर्व महामंत्री एरिया रवी भारती बृजभान फैयाज अहमद मोहन पाव हेतराम जांगड़े संजय द्विवेदी हुशाम जाफर आदि लोग उपस्थित रहे
अंत में राजकुमार शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन एवं उपस्थित साथियों को धन्यवाद प्रेषित किया और सभा समाप्ति का घोषणा किया