*देश एक विधान दो* *वर्षों से संवेदनशील पदों पर बैठे हैं अधिकारी* *मामला जमुना कोतमा मुख्यालय का*a
*देश एक विधान दो*
*वर्षों से संवेदनशील पदों पर बैठे हैं अधिकारी*
*मामला जमुना कोतमा मुख्यालय का*
*जिम्मेदार बेखबर*
जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र में इन दिनों व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला चल रहा है या यूं कहें कि संवेदनशील पदों पर वर्षों से अधिकारी एक ही जगह पर जमे हुए हैं और गड़बड़झाला को अंजाम दे रहे हैं वहीं पर अभी दूसरी तरफ आमाडाड़ ओसिएम में संवेदनशील पद पर पदस्थ अधिकारी का समय वीत जाने पर यूनियन प्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा किया था यहां तक की उसे हटाने के लिए श्रम संघ प्रतिनिधियों को हड़ताल तक की सामूहिक नोटिस देनी पड़ी थी तब कहीं प्रबंधन हरकत में आया और उनका स्थानांतरण दूसरे जगह किया गया लेकिन वहीं पर दूसरी ओर एरिया मुख्यालय में वर्षों से संवेदनशील पदों पर एक ही जगह पर अधिकारी बैठे हुए हैं अब सवाल यह उठता है कि जब देश एक है तो विधान दो कैसे हो सकता है क्या इन पर संवेदनशील पद पर रहने का कानून लागू नहीं होता यह गहन जांच का विषय है और सबसे मजे की बात तो यह है कि सतर्कता विभाग बिलासपुर को प्रतिमा फर्जी रिपोर्ट बनाकर भेजा जाता है कि इस तरह का कोई भी व्यक्ति संवेदनशील पर 3 वर्ष से अधिक का नहीं है जबकि कई ऐसे व्यक्ति आज भी जिनका उक्त पद पर 5 से 6 वर्ष बीत गए हैं लेकिन वे अंगद की तरह अपना पैर जमाए हुए हैं क्षेत्र की जनता कालरी कर्मचारी श्रम संघ प्रतिनिधि व आम लोगों ने क्षेत्र के महाप्रबंधक से यह मांग किया है कि एरिया मुख्यालय में वर्षों से संवेदनशील पदों पर पदस्थ अधिकारियों का तत्काल अनियंत्रित स्थानांतरण किया जाए जिससे कि सब पर समान कानून लागू होने की बात सच हो सके