संतोष चौरसिया
आंगनबाड़ी में फैली अव्यवस्थाओ पर पर्यवेक्षक मेहरबान
अनूपपुर जनपद में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं मूलभूत सुविधाएं,पर्यवेक्षक की सांठ गांठ से चल रहा अव्यवस्थाओ का खेल
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा – आंगनबाड़ी केंद्रों की अवायस्थाओ को दूर करने के लिए प्रदेश एवं केंद्र सरकार लाखो करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है लेकिन सरकार के लाखो करोड़ों रुपए जो आंगनबाड़ी केंद्रों की आव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए आता है वह जमीनी हकीकत में यहां तक नहीं पहुंच पाता और कुछ भ्रष्ट शासकीय अधिकारी ही शासकीय राशि को पलीता लगाने में जुट जाते हैं जिससे जमीनी हकीकत में आंगनबाड़ी केंद्र में फैली अव्यवस्थाएं अब तक दूर नहीं हो सकी। मुख्यालय बदरा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर अव्यवस्थाओ का लगा भंडार। नवनिहाल बच्चो को जहा पोषण आहार,प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था शासन प्रशासन द्वारा एक ओर की जा रही है वहीं दूसरी ओर ननिहाल बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन द्वारा निर्धरित मापदंडों के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में न तो नाश्ता व भोजन मिलता है और न ही पोषण आहार। बच्चो का निवाला चोरी छिपे पोषण आहार बेचे जाते हैं और कागजों में सब कुछ बांटे जाने की सूची व रजिस्टर मेंटेन कर लिए जाते है समय पर कभी आंगनबाड़ी तो खुलती नहीं और मनमर्जी तरीके से कार्यकर्ता कार्य करने पर उतारू हैं। नगर पालिका पसान क्षेत्र के वार्डो में संचालित आंगनबाडियों का और भी बुरा हाल है कुछ जगहों पर तो आंगनबाड़ी का शासकीय भवन बन गया तो कुछ जगह किराए के मकान में आंगनबाड़ी चल रही है यह है नया भारत और ऐसे में प्रदेश का हो रहा है विकास जो ननिहाल के लिए सभी वार्डो में आंगनबाड़ी केंद्र का शासकीय भवन भी उपलब्ध नहीं हो पाया और शौचालय बनाने की बात तो कोषों दूर। आंगनबाड़ी में आने वाले ननिहाल बच्चो को मजबूरी में शौच खुले में कराना पड़ता है और रही बात शुद्ध पानी की तो वह भी नसीब नहीं हो पाता।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्षेत्र की आंगनबाड़ी,पर्यवेक्षक की लापरवाही –
पसान नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र मूलभूत सुविधाएं से वंचित है क्षेत्र की आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी शुद्ध करने के लिए मशीन तो लगवा दी गई हैं लेकिन जमीनी स्तर पर यह मशीनें बंद पड़ी हुई है इसे देखने वाला कोई नहीं है पर्यवेक्षक को जब इसकी शिकायत की जाती है तो वह खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लेती है वहीं दूसरी ओर आज के युग में कुछ आंगनबाड़ी केंद्र में बिजली का कनेक्शन तक नहीं है न ही टेबल कुर्सी की कोई ठीक व्यवस्था है। पर पर्यवेक्षक को इसकी कोई भी चिंता नहीं है।
पर्यवेक्षक का निरीक्षण मात्र खानापूर्ति –
पसान नगर पालिका क्षेत्र में संचालित आगनबाडी केंद्रों की पर्यवेक्षक गिरजा परस्ते जब कभी भूले भटके पसान नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने के लिए आती हैं तो फोन पर ही जानकारी दे दी जाती है कि दस्तावेज ठीक ठाक कर लेना केंद्रों में समय तक आज रुकना बच्चो की संख्या होनी चाहिए और कोई भी अव्यवस्था न हो। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पर्यवेक्षक इसलिए ऐसा करती हैं कि उनका निजी स्वार्थ व लाभ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से तीज त्योहारों व वेतन के समय मिलता रहता है इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी भला प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से होता रहता है और पर्यवेक्षक जी का भी। दोनों के भले के बीच में ननिहाल बच्चो का भविष्य अंधकर में डूब रहा है।जब इस संबंध में पर्यवेक्षक गिरजा परस्ते से फोन के माध्यम से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
कहना है-
अभी मै मीटिंग में हूं।
नालिनी अथिया
जिला महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी,अनूपपुर