रिपोर्टर समर बहादुर सिंह
राजनगर। जिले का अंतिम छोर राजनगर कोयलांचल जो आए दिन रेत के अवैध परिवहन को लेकर चर्चा में रहता है जिसमें वन विभाग एवं पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मान जाती है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष से जिले में लीज की खदान खोलने से लीज क्षेत्र से रेत का परिवहन किया जा रहा था। किंतु बरसात होने के कारण नदी में पानी भर जाने से रेत माफिया स्थानीय स्तर पर सक्रिय हो गए हैं जो वन विभाग के बिट गार्ड एवं कुछ पुलिस कर्मियों से सेटिंग बनाकर पौराधार, डूमर कछार एवं आसपास के जंगलों से दिन और रात ट्रैक्टर से अवैध रेत का परिवहन कर महंगे दामों में बेचा जा रहा है। बताया जाता है कि जंगल से रेत भरने के बाद रेत माफिया के द्वारा कुछ जगहों पर अपने लोगों को लगा कर निगरानी रखी जाती है और समय मिलते ही जंगल से रेत निकाल कर गंतव्य तक पहुंचा दिया जाता है जिसमें बीट गार्डों की भूमिका कहीं ना कहीं रेत माफियाओं के साथ मिलीभगत को प्रदर्शित करता है। इस संबंध में राजनगर क्षेत्र के रेंजर परिवेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा जानकारी दी गई है हम इसकी जांच करवा कर कार्रवाई करेंगे कोई भी वन संपदा का दोहा नहीं कर सकता।




