जिला सीईओ ने लापरवाही बरतने पर तकनीकी सहायक की संविदा समाप्त की, कार्रवाई से हड़कंप

भानु प्रताप साहू
कसडोल। कोरोना महामारी के कारण पूरे देश मे लॉक डाउन घोषित है, इस दौरान संक्रमण के फैलाव को रोकने सोशल डिस्टेंसिग और मास्क अनिवार्य रूप से सुरक्षा मानकों का उपयोग करना है, लेकिन इस दौरान कार्य मे लापरवाही बरतना और झूठ बोलना जनपद पंचायत कसडोल के मनरेगा में संविदा पर पदस्थ तकनीकी सहायक मंदीप लहरे को उस वक्त महंगा पड़ गया। जब निरीक्षण में पहुंचे जिला स्तरीय उच्चाधिकारियों ने गड़बड़ी पकड़ी। दरअसल पूरा मामला मनरेगा के कार्यो से जुड़ा हुआ है, 21 अप्रैल को जिला की टीम तकनीकी सहायक मंदीप लहरे के क्षेत्रों का जब दौरा किया तो इनके प्रभार के क्षेत्र चिखली, नवागांव और खपरीडीह में अन्य ग्रामो की तरह कार्य संपादित नही थे, इसके अलावा श्री लहरें द्वारा कार्य संपादित नही होने की जानकारी भी उच्चाधिकारियों को नही दी। जब अधिकारियों द्वारा श्री लहरें से कड़ाई से पूछताछ किया गया तो श्री लहरें 80 किलोमीटर दूर कार्य होना बताया गया, जब अधिकारियों ने उक्त जगहों पर जांच की तो 117 मजदूर बिना मास्क, सोशल डिस्टेंसिग सहित सुरक्षा मानको के कार्य कर रहें थे जिससे कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना दिख रहा था। इसके बाद जिला सीईओ ने कारण बताओ नोटिश जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया। लेकिन श्री लहरें द्वारा संतोष जनक जवाब नही मिलने के बाद जिला सीईओ ने अपने पत्र क्रमांक/ZPBB/MG/E-131/2020-21/700 बलौदाबाजार, दिनांक 22/05/2020 के तहत आदेश जारी कर श्री लहरें की सेवा समाप्त कर दी गई। इधर संविदा समाप्ति की इस कार्रवाई से तकनीकी सहायकों में हड़कंप मच गया है।
कार्रवाई से हड़कंप
जिला सीईओ के इस कार्रवाई से पूरे जिलेभर में हड़कम्प व्याप्त है, उल्लेखनीय है कि कोरोना के मद्देनजर श्री पांडेय ने जिले के विभिन्न जनपदों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों को हिदायत दे रहे है लेकिन कार्य मे विशेष रुचि न लेने वाले इन अधिकारियों पर अब लगातार कार्रवाई की जा रही है।
इनका कहना है।
जिले में कोरोना के मद्देनजर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही किया जाएगा। श्री लहरें द्वारा कोरोना जैसे महामारी को हल्के में लेकर उच्चाधिकारियों की टीम को भ्रमित कर संतोष जनक जवाब नही दिया गया, जिसके पश्चात उसकी सेवा समाप्त कर दी गई है।आशुतोष पांडेय
सीईओ, जिला पंचायत बलौदाबाजार