अनूपपुर

क्या गुल खिलाएगी कुलस्ते और बिसाहूलाल की दोस्ती

क्या गुल खिलाएगी कुलस्ते और बिसाहूलाल की दोस्ती

क्या गुल खिलाएगी कुलस्ते और बिसाहूलाल की दोस्ती

राजेश सिंह

अनूपपुर l पिछले तीन महीनों में देश भर में राजनैतिक उठा पटक के बीच सियासी समीकरण बदले हैं
कोयलाँचल के बड़े आदिवासी नेता बिसाहूलाल ने सबसे पहले कोंग्रेस पर उपेक्षा का आरोप लगा कर को भाजपा का दामन पकड़ लिया था सिंधिया की बग़ावत के साथ बनी भाजपा सरकार में मंत्री परिषद के गठन में शहडोल संभाग से उम्मीद के विपरीत बीच बिसाहूलाल सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयसिंह मरावी को दरकिनार करते हुए मीना सिंह को मंत्रिमंडल में जगह दे दी गई इतना ही नहीं उन्हें रीवा शहडोल संभाग का प्रभार भी दे दिया गया . उसके बाद कि मंत्रिमंडल विस्तार की तिथियां बदलती रही और फिर अफ़वाहों का बाज़ार नए नए नामों पर गर्म होता रहा. नए नए दावेदारों के दावे आते रहे हैं ये भी बात चली कि अब बिसाहू लाल को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जाएगी बल्कि उन्हें किसी निगम या मंडल का अध्यक्ष बनाकर उपकृत किया जाएगा ऐसे में उनके समर्थक ठगा हुआ महसूस करने लगे थे . बिसाहूलाल की गिनती मध्यप्रदेश के बड़े आदिवासी नेताओं में होती है . उनके नाम कटने की खबर से बहुत हलचल मची. इसी बीच एक नया गठजोड़ सामने आया आप भी बिसाहूलाल सिंह की वकालत करने के लिए नरोत्तम मिश्रा के साथ फ़ग्गन सिंह कुलस्ते ने मोर्चा संभाला है. कुलस्ते देश में आदिवासियों के बड़े नेता माने जाते हैं उनकी बिसाहूलाल से दोस्ती पर्दे के पीछे भले रही हो लेकिन प्रत्यक्ष रूप से लोगों को कभी दिखाई नहीं दी.
बिसाहूलाल के समर्थन में कुलस्ते ने जिस तरह से आगे बढ़ के प्रयास किया और तो और सबसे पहले अनूपपुर पहुँच कर बिसाहूलाल के चुनावी अभियान का भी श्रीगणेश कर दिया इससे ये स्पष्ट हो गयी की कुलस्ते और बिसाहूलाल के बीच बहुत करीबी सम्बंध हैं. कुलस्ते ने बिसाहू लाल को यक़ीन दिलाया कि शिवराज सिंह चौहान उनके सम्मान का पूरा ध्यान रखेंगे और दिल्ली से भोपाल तक बिसाहू लाल की पैरोकारी करते रहे. इस बीच कुलस्ते ने शिवराज सिंह चौहान के पक्ष में
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी नेताओं को लामबंद करने का काम भी शुरू किया है. सियासी हलकों में ये संबंध नए ज़रूर दिख रहे हैं लेकिन इनकी प्रगाढ़ता ये बताती है कि कुलस्ते अनूपपुर उप चुनाव में पूरी ताक़त लगाएँगे . इतना ही नही आदिवासी नेताओं के बीच शिवराज सरकार को स्थिर और मज़बूत करने की भी राय स्पष्ट हो चुकी है. रामलाल रौतेल जय सिंह मरावी कुँवर सिंह टेकाम और ओम प्रकाश धुर्वे की नयी दोस्ती महाकौशल की राजनीति में जनजातीय वोटरों के लिए बड़ा प्लेटफ़ोर्म ज़रूर प्रदान करेगी और इसका असर भविष्य में दिखाई देगा

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