
अनूपपुर। शहडोल संभाग से लेकर छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों और उत्तर प्रदेश तक पक्षीराज की बस सड़कों पर किसके परमिट से उड़ रही हैं यह बात समझ से परे है। परमिट कहीं का और संचालन कहीं और तक किया जा रहा है और पूरी मनमर्जी पक्षीराज बस संचालक के द्वारा की जा रही है आरटीओ के तमाम दिशा निर्देशों को सड़कों पर रौदते हुए इनकी बसें बे-रोकटोक चल रही है जानकारी में बताया गया पक्षीराज की एक बस जो अंबिकापुर से रीवा के लिए परमिट है लेकिन वह बस अंबिकापुर से इलाहाबाद उत्तर प्रदेश तक चल रही है वही शहडोल से मनेंद्रगढ़ चलने वाली पक्षीराज की तमाम बस के परमिट शहडोल आरटीओ कार्यालय में सिलेंडर कर दिया गया है इसके बाद भी कई वाहन आज भी इनके शहडोल से मनेंद्रगढ़ चल रहे हैं तो वही कुछ वाहन जिनका परमिट है उनके स्थान पर अन्य वाहन का संचालन किया जा रहा है पक्षीराज की मनमानी यहीं पर नहीं रुकी है स्कूलों में चलने वाली बस तथा एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र हसदेव क्षेत्र में इनके द्वारा नए बसों के टेंडर लेकर पुरानी बसों का संचालन किया जाना आम बात हो गई है स्कूलों में चलने वाली तमाम बस में न्यायालय के निर्देशों का भी अवहेलना की जा रही है एसईसीएल के केंद्रीय विद्यालय तथा अन्य विद्यालयों में लगाई गई इनके द्वारा तमाम बसों की जांच कराई जाए तो सारी हकीकत प्याज के छिलके की तरह खुलकर सामने आ जाएगी बच्चों के लिए चलाई जा रही बस सुविधा के नाम पर कंपनी से मोटी रकम ली जा रही है लेकिन बसों का सही संचालन न्यायालय के गाइडलाइन के अनुसार नहीं किया जा रहा है पक्षीराज बस संचालक रूपचंद मंगलानी अपनी गहरी पैठ बताते हुए बसों का संचालन करा रहा है बिना परमिट के चलने वाली बसों से जहां बस मालिक को आर्थिक लाभ हो रहा है तो वही शासन के राजस्व को भारी क्षति पहुंचाई जा रही है आरटीओ विभाग और पुलिस प्रशासन के आंख कान और मुंह बंद रहे इसकी पूरी व्यवस्था की चिंता पक्षीराज बस मालिक के द्वारा की जा रही है जिस कारण से उनके वाहन को खुली छूट दी गई है मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश 3 राज्यों की पुलिस प्रशासन और आरटीओ विभाग के अधिकारी कर्मचारी अंबिकापुर से इलाहाबाद तक चलने वाली बिना परमिट के इनके बस को संचालन की अनुमति कैसे दी गई है इसकी जांच कराई जाए और अभी तक शासन के राजस्व की जो चोरी की गई है उसकी भरपाई बस मालिक से होनी चाहिए स्कूलों में चलने वाली बसों की जांच कराए जाने की मांग की गई है।