अनूपपुर

दुर्गोत्सव के दौरान दुर्घटना से बचने विद्युत विभाग ने जारी किए निर्देश

रिपोर्टर@देवानंद विश्‍वकर्मा

अनूपपुर। कार्यपालन अभियंता, संचा/संधा. संभाग, म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. अनूपपुर बी.के.द्विवेदी द्वारा दुर्गोत्सव में सभी दुर्गा उत्सव समितियों से अपील की गई है कि दुर्गा पंडालों का निर्माण विद्युत लाईनों के नीचे या पास में एवं ट्रांसफार्मर के निकट न किया जावे। विद्युत ट्रांसफार्मरों से नियमानुसार सुरक्षित दूरी पर ही दुर्गा पंडालों का निर्माण किया जावे। विद्युत ट्रांसफार्मरों के समीप या विद्युत लाइनों के निकट अथवा नीचे दुर्गा पंडालों का निर्माण निर्धारित मापदण्ड अनुसार न करने पर संबंधित के विरूद्ध विद्युत नियम 1956 की कंडिका 79 एवं 80 के तहत कार्यवाही की जावेगी। दुर्गा पंडालों में विद्युत का उपयोग विधिवत् अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेकर ही करें। अनाधिकृत रूप से तारों को विद्युत लाइनों से जोड़कर विद्युत का उपयोग न करें। ऐसा पाये जाने पर भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अनाधिकृत रूप से विद्युत लाइनों से तार जोड़ने की स्थिति में अन्य उपभोक्ताओं को विद्युत व्यवधानों का सामना करना पड़ता है।
बी.के.द्विवेदी ने पंडाल में विद्युत कनेक्शन करने वाले विद्युत ठेकेदार को समझाईश दी है कि वह विद्युत आपूर्ति का स्वीच बोर्ड सुरक्षित स्थान पर स्थापित करें एवं पंडाल के पास नियमानुसार अर्थिंग कराई जावे, जिससे किसी प्रकार की विद्युत दुर्घटना घटित न हो। पंडाल के कनेक्शन के विद्युत भार को तीनों फेस पर बराबर बांटा जावे, ताकि किसी एक फेस पर अत्याधिक भार होने के कारण विद्युत व्यवधान उत्पन्न न हों अस्थाई कनेक्शन हेतु सर्विस लाईन एवं पंडाल के भीतर विद्युत साज-सज्जा हेतु वायर उचित क्षमता के एवं पूर्णरूपेण इंस्युलेटेड होने चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से कटे-फटे एवं टूटे वायरों का उपयोग न करें। तारों के जोडों को इंस्युलेटेड टेप के माध्यम से सुरक्षित किया जावे। बी.के.द्विवेदी ने दुर्गोत्सव समिति से अपील की है कि दुर्गा पंडालों के सामने एवं आसपास लगाए जाने वाले तोरण को विद्युत लाइनों एवं पोलों पर न बांधते हुए उनसे दूर लगाया जावे, क्योकि वर्षाकाल में इन तोरणों के विद्युत लाइनों के संपर्क में आने के कारण अनावश्यक विद्युत व्यवधान उत्पन्न होते है व उपभोक्ताओें को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सभी आयोजक असुविधा से बचने हेतु विद्युत का वैधानिक उपयोग करें।

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