कुंभकर्णी निद्रा से जागा प्रबंधन, 17 दिन बाद याद आया महिलाओं का सम्मान
कुंभकर्णी निद्रा से जागा प्रबंधन, 17 दिन बाद याद आया महिलाओं का सम्मान
अपमान का घूंट पीकर वापस लौटे ट्रेड यूनियन के लीडर

ज़मुना कोतमा। एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र का प्रबंधन जब 17 दिन बाद कुंभकर्णी निद्रा से जागा तो उसे 8 मार्च 2023 को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की याद आई और 25 मार्च 2023 को जमुना कोतमा क्षेत्र के जमुना कॉलरी बंकिंग बिहार में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया लेकिन यह आयोजन खानापूर्ति तक ही सीमित रहा। कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए जमुना कोतमा क्षेत्र के श्रम संगठन के प्रतिनिधियों को अपमान का घूंट पीकर इस कार्यक्रम का बहिष्कार वापस जाना पड़ा तो वही जमुना कोतमा क्षेत्र प्रबंधन के अधिकारी महिलाओं के सम्मान में भोपू बजाते हुए दिखाई दिए ,आयोजित कार्यक्रम में जहां ट्रेड यूनियन के लीडर को अपमान का सामना करना पड़ा तो वही इस कार्यक्रम में मीडिया के अलावा अन्य लोगों को दूर रखा ।गया 8 मार्च को आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कार्यक्रम को 17 दिन बाद करने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी यह तो प्रबंधन ही जाने। माना कि 8 मार्च को होली का दिन था लेकिन होली के दो-चार दिन बाद भी इस कार्यक्रम को आयोजित किया जा सकता था लेकिन जमुना कोतमा क्षेत्र प्रबंधन 17 दिनों तक सोया हुआ था और अचानक जब नींद से जागा तो उसे महिलाओं का सम्मान याद आया वह भी खानापूर्ति तक सीमित रह गया ।वर्तमान समय में जमुना कोतमा क्षेत्र प्रबंधन जिस तरह से ट्रेड यूनियन के लीडर स्थानीय जनप्रतिनिधियों मीडिया के लोगों को दरकिनार कर अपनी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहा है वह किसी भी नजरिए से जमुना कोतमा क्षेत्र के भविष्य के लिए बेहतर नहीं दिखाई दे रहा है चाहे वह आमांडांड खुली खदान परियोजना के मुद्दे को सुलझाने का हो या फिर अन्य कार्यक्रमों के आयोजन का हो ,अनेक स्थानों पर प्रबंधन की मनमानी खुले तौर पर दिखाई दे रही है जिसको लेकर लोगों के अंदर ही अंदर आग का गोला धधक रहा है।
25 मार्च को वंकिम विहार मे आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में सम्मान समारोह मे प्रबंधन द्वारा क्षेत्र के समस्त संघ ज़े.सी.सी और कल्याण समिति के सदस्यों को आमांत्रित किया गया था किंतु उनके बैठाने की जो व्यवस्था प्रबंधन द्वारा किया वह संघ पदाधिकारियों का घोर अपमान जनक था, ज़िससे क्षेत्र समस्त संघ पदाधिकारी समारोह स्थल से अपमान का घूंट पीकर एक साथ बाहर निकल गये. क्षेत्र के प्रबंधन को राज्य शासन के अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय समिति के पदाधिकारियों के सम्मान भी रखा जाना था. इस संबंध मे एच एम एस के क्षेत्रीय अध्यक्ष /कंपनी उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि श्रीकांत शुक्ला ने बताया कि वर्तमान प्रबंधन संघ के राष्ट्रीय स्तर तक के पदाधिकारियों तक के विरुद्ध नकारात्मक टिप्पणी करने मे जब संकोच नही करता और मर्यादाविहीन झूठा आरोप लगा सकता है तब उनकी नजर मे क्षेत्र के पदाधिकारी की क्या औकात है. परंतु यह उनकी भूल है कि बिना संघ के सहयोगऔर सम्मान के आप क्षेत्र का सुचारू संचालन कर लेंगे. संघ जल्द ही इस अपमान का निदान एवं प्रतिउत्तर देगा और कंपनी मुख्यालय को इसकी लिखित शिकायत भी करेगा. वही एटक श्रम संघ के एरिया महामंत्री लालमन सिंह ने बताया कि जेसीसी सदस्यों का जो सम्मान होना चाहिए वहां पर वह नहीं हुआ इसलिए जेसीसी सदस्य अपने आप को अपमानित समझ कर वहां से चले आए और कार्यक्रम का सामूहिक बहिष्कार किया ,भारतीय मजदूर संघ के एरिया महामंत्री रोशन उपाध्याय ने कहा कि जेसीसी का उचित सम्मान नहीं किया गया इसलिए हम अंदर ही नहीं गए बाहर से ही चले आए सभी यूनियन के लोग जबकि जेसीसी प्रबंधन के साथ अभिन्न अंग की तरह काम करती है लेकिन प्रबंधन का सौतेला व्यवहार समझ से परे है सीटू यूनियन के इंद्र पति सिंह ने कहा कि गलती किसकी है यह तो नहीं पता लेकिन जेसीसी का सम्मान नहीं किया गया । जमुना कोतमा क्षेत्र के प्रबंधन की इस तरह की कार्यशैली को लेकर अब तरह-तरह की चर्चाएं क्षेत्र में व्याप्त हैं ।