अनूपपुर

क्षेत्र की कानून व्यवस्था चरमराई रातो रात कट गया कई टन कबाड, अपराधियों में नहीं रहा पुलिस का खौफ

रिपोर्टर समर बहादुर सिंह

राजनगर। जिले के अंतिम छोर पर स्थित रामनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत राजनगर कोयलांचल जो शांत प्रिय क्षेत्र के रूप में जाना जाता है किंतु वर्तमान में पुलिस की सह पर क्षेत्र में जिस प्रकार से अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं उससे ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधी के मन में पुलिस का तनिक भी डर नहीं है और वह सारे अपराध खुले रूप से कर रहे हैं जिसे लेकर क्षेत्र के लोग भयभीत हैं तो क्षेत्र की कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। जिस संबंध में चर्चा यह है कि जिस तरह से एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है उसी प्रकार से कुछ कर्मचारी विभाग की पूरी गरिमा को गंदा कर रहे हैं। बताया जाता है कि 28 दिसंबर को पुलिस गश्त के साथ-साथ उस क्षेत्र में पुलिस स्टाफ की ड्यूटी होने के बावजूद भी बस स्टैंड में स्थित मोबाइल दुकान में चोरी हो गई जहां से तकरीबन 50000 के सामान पार कर दिया गया। जिसका पुलिस अभी खुलासा भी नहीं कर पाई थी की 4 जनवरी को क्षेत्र में यह चर्चा आम हो गई कि की पुलिस ने पकड़ा गए कोयला चोरी के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय पकड़े गए कोयला को खुद ही बेच दिया जो जांच का विषय था और उक्त घटना को अभी 4 दिन भी नहीं बीते थे की कबाडियों द्वारा राज नगर स्टेडियम के पास रखे डंपर की बॉडी को गैस कटर से काटकर ले गए जिसमें कई टन कबाड़ था उक्त कबाड़ को काटने में कम से कम 3 से 4 घंटे लगे होंगे तो सवाल ये उठता है कि आखिर पुलिस क्या कर रही थी कुल मिलाकर इस समय सैंया भए कोतवाल तो डर काहे की कहावत पूर्ण रूप से रामनगर थाने में चरितार्थ हो रही है जहां पुलिस ही अपराधों में सन लिप्त है तो अपराधियों के मन में डर किसका वही इस समय रामनगर थाने के कर्मचारियों के संबंध में क्षेत्र जो चर्चा है वह पुलिस विभाग के लिए किसी भी रूप में सही नहीं कही जा सकती है बताया जाता है कि थाना भी इस समय राजनीतिक पार्टियों की तरह कर्मचारियों के दो से तीन गुटों मैं बटे हुए हैं जो सब अलग-अलग सेटिंग रखना चाहते हैं। और कोतवाल साहब भी अपनी मस्ती में मस्त हैं और इन सब घटनाओं से ऐसा लगता है कि उन्हें इन सब बातों से कोई मतलब नहीं है उन्हें तो उनका हर एक कमाऊ पुत्र अच्छा है चाहे वह कुछ भी करें और वह भी इस बात पर ध्यान देते हैं कि लक्ष्मी आनी चाहिए चाहे रास्ता कैसा भी क्यों ना हो वही कबाड़ को लेकर यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि थाने का एक ग्रुप मनेंद्रगढ़ के कबाड़ी को सक्रिय करना चाहता है तो दूसरा ग्रुप कोतमा के कबाड़ी को सक्रिय करना चाहता है। मामला चाहे जो कुछ भी हो किन क्षेत्रों घटित हो रही इस प्रकार की अपराधिक घटनाएं क्षेत्र की शांति व्यवस्था के साथ साथ स्थानीय पुलिस के लिए सही नहीं है। जो उच्च अधिकारियों के लिए जांच का विषय है कि आखिर माजरा क्या है और ऐसी घटनाओं की जांच कर संबंधित कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही नहीं की गई तो वह दिन दूर नहीं जब क्षेत्र में अपराधियों का बोलबाला होगा और पुलिस एवं आम जनता मूकदर्शक बनकर सब कुछ देखने पर मजबूर होगी। इस संबंध में जब अनूपपुर पुलिस अधीक्षक एम एल सोलंकी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठने से उनसे बात नहीं हो सकी।

Related Articles

Back to top button