अनूपपुर

ओवरलोड बिना परमिट चल रही पक्षीराज बस जप्त,अनूपपुर पुलिस ने की कारवाई

35 सीट की क्षमता वाली बस में 90 सीट ले जाया जा रहा था, परमिट कहीं और का,, जा रही थी मनेंद्रगढ़

अनूपपुर। अनूपपुर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर इन दिनों अवैध परमिट एवं ओवरलोड चलने वाली यात्री बसों को नियंत्रण करने के लिए एक अभियान चला रखा है जिसके तहत पिछले 3 दिनों से लगातार ट्राफिक सूबेदार विरेंद्र कमरे द्वारा सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है. जांच के दौरान पक्षी राज् कंपनी की बसों पर कार्यवाही की गई है जिसमें एक बस बिना परमिट जप्त की गई है वहीं अन्य कई बसों पर जुर्माना करके उन्हें छोड़ दिया गया है।उल्लेखनीय है कि तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के निर्देशन पर इन दिनों लगातार ट्रैफिक पुलिस द्वारा नेशनल हाईवे के विभिन्न प्वाइंटों पर सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है पक्षी राज कंपनी लगभग एक दर्जन बसें शहडोल से अनूपपुर राजेंद्रग्राम गाढ़ा सरई समनापुर बदतराई मनेद्रगढ आदि क्षेत्रों पर कई वर्षों से चल रही है जिन बसों का परमिट है,उनको बारात में भेज कर उनके स्थान पर स्कूल बसों का संचालन पक्षीराज बस के द्वारा लगातार किया जा रहा है निर्धारित मार्ग से हटकर मार्ग को मनमाने ढंग से अपनी सुविधा के अनुरूप भी इस कंपनी की कई बसें जिले में चल रही है जिसकी शिकायत क्षेत्र के समाज सेवकों और जनप्रतिनिधियों ने जिले के आला अधिकारियों से की थी जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पक्षीराज कंपनी की एमपी 18 पी 3687 को जांच की तो पाया कि गाड़ी का परमिट गाढ़ा सरई सामना पुर का परमिट था गाड़ी में लगभग 90 यात्रियों को लादकर या बस मनेंद्रगढ़ की तरफ जा रही थी जिसे नेशनल हाईवे पर ही जप्त कर लिया गया और थाने में खड़ा करा दिया गया है इस कंपनी की और कई बसें की जांच की गई जिनमें कई खामियां मिली किंतु सवारियों को हो रही असुविधा को देखते हुए अधिकारियों ने उन्हें दंडित कर छोड़ दिया और सभी दस्तावेजों को दुरुस्त कर चलने के निर्देश दिए, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पक्षीराज कंपनी की लगभग बसों का कोई भी दस्तावेज दुरुस्त नहीं है बस पर परमिट कहीं और का कहीं और जारी है स्कूल बसों को सवारी ढोने में भेजा जाता है वही अंतरराज्यीय बसें भी लगभग बिना पेपर के में ही चल रही है एसईसीएल कंपनी में चलने वाली बसों का मात्र ₹600 सालाना टैक्स पटाकर यह बस मालिक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का करोड़ों रुपए प्रति वर्ष राजस्व डकार रहा है, जबकि इन बसों का शासन द्वारा निर्धारित कर लगभग ₹9500 प्रति माह होता है अधिकारियों की मिलीभगत से यह बस मालिक प्रतिवर्ष कई करोड़ रूपए शासन का गबन कर रहा है शैक्षणिक परमिट लेकर पक्षीराज कंपनी द्वारा पूरे रूपों में इन दिनों सवारी ढोने का कार्य बड़ा जोर से किया जा रहा है जिसकी शिकायत पूर्व में भी की गई थी पर अभी तक किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है,सत्ता पक्ष का अपने आपको कार्यकर्ता और समर्थक पता कर अधिकारियों में भय का वातावरण पैदा करता है और टैक्स चोरी का बड़ा खेल खेलता है लगभग 8 से 10 बसें इसकी छत्तीसगढ़ की तरफ जाती है छत्तीसगढ़ प्रदेश का भी यह बस मालिक किसी भी प्रकार का कर नहीं पटाता हैं। वही यातायात विभाग द्वारा बताया गया है कि पिछले कई दिनों से लगभग रुपए की अर्थ दंड की वसूली की गई है,वहीं कारवाही के उपरांत वाहन चालकों को सुरक्षित वाहन चलाने के निर्देश दिए जा रहे है।

Related Articles

Back to top button