
मामला जमुना-कोतमा क्षेत्र का
अनूपपुर। एसईसीएल जमुना-कोतमा क्षेत्र के विभिन्न उपक्षेत्रो में विगत 15 से 20 वर्षो से अंगद की पांव की भांति सिविल विभाग में कार्यरत ओव्हरसियर/इंजीनियर जमे हुए है। कोतमा गोविंदा उपक्षेत्र में सी.के.शुक्ला तो बदरा उपक्षेत्र में जायसवाल और बरतराई आमाडांड में तिवारी ने मोर्चा संभाल रखा है। इन लोगों के द्वारा ठेकेदारों से सांठगांठ करके एसईसीएल कम्पनी को बड़े पैमाने पर चूना लगाया जा रहा है निर्माण कार्यो में जमकर भर्रेशाही का आलम चल रहा है तो वहीं फर्जी नोटशीट कर अनावश्यक रूप से कम्पनी का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। उक्त सभी ओव्हरसियर/इंजीनियर लगभग 20 वर्षो से इसे क्षेत्र में कार्यरत है जबकि कम्पनी के नियमाुनसार इनका स्थानांतरण अन्य एरिया में होना चाहिए था,लेकिन गहरी पैठ होने के नाते यह आज भी जमुना कोतमा क्षेत्र में कार्यरत है। जब भी इनकी कोई शिकवा शिकायत होती है तो इनको एक उपक्षेत्र से हटाकर दूसरे उपक्षेत्र में पदस्थ कर दिया जाता है। इस तरह से इनकी दुकानदारी चलती रहती है। बदरा उपक्षेत्र में कार्यरत जायसवाल ओव्हरसियर को हर समय नशे में चूर रहता है जिसकी शिकायत कई बार प्रबंधन से की जा चुकी है,लेकिन इसके क्रियाकलापो में कोई बदलाव आज भी दिखाई नहीं देता है कोतमा गोविंदा उपक्षेत्र में सी.के.शुक्ला बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे है फिर भी कोई बोलना वाला नहीं है। वहीं तिवारी ओव्हरसियर बदरा उपक्षेत्र में कम्पनी का करोड़ो रूपए बर्बाद करके आमाडांड बरतराई में नया गुल खिला रहे है ठेकेदारो से सांठगांठ करके इन अधिकारियों के द्वारा बिना काम किये भी फर्जी तरीके से बिल पास किया जा रहा है तो वहीं चल रहे निर्माण कार्यो में गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। एसईसीएल की जांच एजेंसी सतर्कता विभाग वैसे तो भ्रष्ट अधिकारियों अपनी गिरफ्त में लेती है,लेकिन वह भी कुम्भकर्णी निद्रा में सोयीं हुई है जिसके कारण ऐसे अधिकारियों के हौसले बुलंद है और वह भ्रष्टाचार को अंजाम दिये हुए है। इनके कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यो की यदि सूक्ष्म जांच कराई जाये तो कई चौकाने वाले तथ्य खुलकर सामने आ सकते है।