सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राजेश लकड़ा एवं ठेकेदार प्रभोजत सिंह भल्ला की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त
विद्युत विभाग में इ बीवीपीएफ, ईएसआईसी में करोड़ों के गबन का न्यायालय ने जमानत आवेदन कड़ी टिप्पणी के साथ किया निरस्त

अंबिकापुर। मामला छत्तीसगढ़ स्टेट पावर लिमिटेड अंबिकापुर के चीफ इंजीनियर कार्यालय का है जहां पर करोड़ों रुपए के फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज लगाकर ठेकेदार से मिली भगत कर ई.पी.एफ बोनस एवं ई.एस.आई.सी की राशि गबन करने के संबंध में है जिसमें डी.के. सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट के द्वारा एक आवेदन थाना अंबिकापुर कोतवाली में मेसर्स आर.के. एसोसिएट्स, मैट्रिक सर्विस एवं गुरुकृपा ग्रुप के द्वारा वेतन से ई.पी.एफ. बोनस एवं ई.एस.आई.सी. की राशि में गोलमाल करने तथा फर्जी बिल लगाकर करोड़ों रुपए की राशि निकालने के संबंध में कार्यपालन निदेशक (अ.क्षे.) अंबिकापुर के जांच रिपोर्ट दिनांक 24 फरवरी 2023 के साथ प्रस्तुत किया गया एवं संबंधित अधिकारियों तथा मेसर्स आर.के. एसोसिएट्स, मैट्रिक सर्विस एवं ग्रुपकृपा के डायरेक्टर/प्रोप्राइटर के विरुद्ध कोतवाली थाना अंबिकापुर में न्यायालय के आदेश के बाद अपराध क्रमांक 282/2025 अंतर्गत धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया गया था जिसमें राजेश लकड़ा तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट सी.एस.पी.डी.सी.एल एवं ठेकेदार प्रभोजत सिंह भल्ला के द्वारा माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर के न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन क्रमांक 280/2025 एवं 281/2025 प्रस्तुत किया गया था जिसमें दिनांक 06 मई को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ममता पटेल के न्यायालय में सुनवाई उपरांत अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया न्यायालय के द्वारा अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि आरोपित अपराध, गंभीर एवं सुनियोजित आर्थिक अपराध है जिसमें सहजतापूर्वक अग्रिम जमानत का लाभ मिल जाने पर ऐसे अपराधों की बढ़ोतरी संभव होने बाबत अभियोजन का तर्क सर्वथा अनदेखा नहीं किया जा सकता। केस डायरी से दर्शित होता है की विवेचना अभी प्रारंभिक स्तर पर है ऐसी स्थिति में आवेदक/आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिए जाने पर संबंधित आवश्यक दस्तावेजों में छेड़छाड़ अथवा विलोपन की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता जिसके आधार पर प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त किया गया।