अनूपपुर

रेल पटरी पर हादसा , 2 मजदूरों की मौत , अपनों से मिलने और घर पहुंचने की चाहत ने ली जान

राजेश सिंह

बिजुरी। लॉक डाउन में मजदूरों के बड़ी संख्या में रेल पटरी पर पलायन कर कटनी , अम्बिकापुर और पेंड्रा की ओर से पैदल चलकर घर जाने की जानकारी लॉक डाउन के बाद से कई बार सामने आती रही हैं,कई किलोमीटर की यात्रा कर तपती गर्मी में रेलवे ट्रैक पर पैदल चल रहे मजदूरों का एक ही लक्ष्य था किसी तरह भूखे प्यासे रहकर भी वह अपने घर पहुँच जाए,लगभग रोज ही इनके जाने की जानकारी सामने आती रही, कुछ दिन पहले चरचा में 30 मनेन्द्रगढ़ में 9 मजदूर मिले , एक दिन पहले ही उदलकछार स्टेशन में जशपुर से पैदल चलकर 14 मजदूर पहुँचे जो दमोह जा रहे थे। 10- 50 किलोमीटर नही 500 किलोमीटर का सफर घर जाने के लिए कर रहे है मजदूर, आज चार मजदूरों सूरजपुर तरफ जाने के लिए उदल का झाड़ रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे इनमें से 2 मजदूर रेलवे पटरी पर बैठ कर नाश्ता/आराम कर रहे थे और 2 मजदूर पानी लेने चले गए थे तभीअचानक मालगाड़ी के आ जाने से इन दोनों की दर्दनाक मौत हो गई उदलकछार स्टेशन से कुछ ही दूरी पर एक दर्दनाक हादसा हो गया।  बड़ा सवाल यह कि शासन के स्पष्ठ एवं साफ साफ निर्देश है जो जहां है वही रहे उनके भोजन ,पानी और रुकने की व्यवस्था की जा रही है ऐसे में पैदल चलकर जाने वाले मजदूर एक छोर से दूसरे छोर तक कैसे पहुंच जा रहे है। सड़क मार्ग में पुलिस तैनात है , रेल पटरी पर लोग इतना लंबा सफर कर रहे है तो क्या रेलवे पुलिस और स्टेशन मास्टर की नजर इन पर क्या पड़ रही है ? अगर ऐसा होता तो पटरी पर पलायन नही होता?सबको घर जाने की चिंता है पर आज हुए हादसे ने सबक दिया है कि जो जहां पर है वह वहीं पर रहें।

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