भाजपा का नशामुक्ति अभियान बना मजाक नसे में धुत हर्ष सिंह कलेक्टर को चमकते रहे अपने उपाध्यक्षी
देते रहे भाजपा पार्टी से होने की दुहाई

आमंत्रण न दिए जाने पर लालपीला हुए ह्रषु,कलेक्टर से करने लगे नोंक झोंक
शहडोल। हम आपने सभी ने संविधान का अध्ययन किया है इस संविधान में पंचायत और निकाय के लिए अलग से कानून व्यवस्था तय की गई है साँथ ही उन अनुच्छेदों में निकाय और पंचायत में जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सेवा,शर्तो और दायित्वों का भी उल्लेख किया गया है खैर अब रुबरु होते हैं उस व्यवस्था की ओर जिस पद का स्रजन तो है पर महत्ता नाममात्र की है पंचायत स्तर पर बात करें तो पंचायत जनपद और जिला तीनो स्तरीय चुनाव में सरपँच और अध्यक्ष की गरिमा जरूर है पर उपसरपंच और उपाध्यक्ष शब्द किसी औपचारिकता से कम नही हम इस पद का उल्लेख इसलिए कर रहे हैं कि इसी पद में आसीन जनप्रतिनिधि एक आईएएस को अपने पद और उपस्थित का बोध कराने हेतु को उनके दायित्वों का बोध करा रहा था जैसे जिला कलेक्टर कोई पोस्टमास्टर है जो किसी कार्यक्रम में मंचासीन होने के लिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को चिट्ठी भेजे और उसके कृत्य में क्षेत्रीय विधायक भी हाँ में हाँ मिलाते हुए कलेक्टर सचेत करती है और आगे से ऐसा न हो हिदायत देती है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला बीते दिनों जनपद बुढार का है जब मुख्यमंत्री सेवा अभियान के एक शिविर में कलेक्टर समेत जिला, जनपद के कर्मचारी और स्थानीय विधायक मनीषा सिंह मुख्यमंत्री योजना कार्यक्रम में मौजूद थे। कलेक्टर वंदना वैध कार्यक्रम का लक्ष्य और उद्देश्यों की जानकारी साझा कर रही थी और इस अभियान को सफल व अथक प्रयास कर सार्थक बनाने की पहल कर रही थी तभी कार्यक्रम में नवनिर्वाचित जनपद उपाध्यक्ष हर्ष प्रताप सिंह धमक उठे और उन्हें कार्यक्रम में न बुलाने पर विधायक मनीषा सिंह से कलेक्टर की शिकायत करने लगे हद तो तब हो गई जब हर्ष बोलते रहे और कलेक्टर वन्दना वैध सुनती रही है इस व्यवहार से विधायक मनीषा सिंह भी कलेक्टर से खफा नजर आईं।
हम जनप्रतिनिधि हैं कलेक्टर ने हमें नही बुलाया
हर्ष प्रताप का कहना था हमारे सरकार की योजना चल रही है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह हमारे भाजपा के मुख्यमंत्री है ऐसे में हमारा हक बनता है कि हमे इस कार्यक्रम में आमंत्रित करना चहिए था निश्चित रूप से हर्ष जैसे नेताओं को बुलाना चाहिए था जिन्हें यह दुत्कार नगवांर गुजरा किन्तु हर्ष को एक बात का ध्यान और भी रखना चाहिए कि कलेक्टर कोई पोस्ट मास्टर नही की कार्यक्रम का डाँक लेकर 5 वर्ष में सेवा समाप्ति होने वाले नेताओं का जाकर जगह चिट्ठी पोस्ट करे कलेक्टर जिले का एडमिनिस्ट्रेशन है उनका,उनके अधीन कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों की यह जिम्मेवारी है कि शासन की समस्त योजनाओं को जनता के समक्ष ऐसे शिविर और कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक करें।
कलेक्टर मैडम इनका पुराना फाइल भी उठा लेना
ज्ञात हो यह ह्रषु कोई और नही बल्कि जनपद उपाध्यक्ष बनने से पूर्व पंचायतों में इनकी ठेकेदारी चरम पर थी और इनके द्वारा किए गए बाउंड्रीवाल भ्रष्टाचार न सिर्फ जनपद बल्कि जिला में जाँच के कठघरे में था मामला बाउंड्रीवाल के हालात इतने बद्दतर थे कि बाउंड्रीवाल तोड़ने तक का आदेश था जिस पर पूर्व कमिश्नर ने मुहर तक लगाया था खैर समय का पहिया बदला और किसी तरह जनता की सेवा का ढोंग पीटने के नाम से ह्रषु जनपद उपाध्यक्ष बन गए ताकि अब पंचायतों में उनका खुल्ला राज रहे और उनकी ठेकेदारी पर कोई सवाल भी न उठाए अगर वर्तमान कलेक्टर इनके पूर्व और अभी के कार्यो का लेखा जोखा ले तो उनके कर्तव्यनिष्ठ का ज्ञान कलेक्टर और स्थानीय जनता को हो जाएगा।