श्रमिक हित व राष्ट्रहित में यूनियनों ने एसडीएम कोतमा के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
रिपोर्टर@संतोश कुमार चौरसिया

जमुना। जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के जमुना-कोतमा क्षेत्र में कार्यरत यूनियनों ने गत दिनांक को श्रमिक हित और राष्ट्र हित में विभिन्न मांगों को लेकर एसडीएम कोतमा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपते वक्त संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक जमुना-कोतमा क्षेत्र के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा व सीटू यूनियन के इंद्र पति सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 का हवाला देकर 5 मई 2020 को श्रम सुधारों के नाम पर श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी मालिक पक्षीय संशोधन करने का निर्णय लेकर नोटिफिकेशन जारी करने का विरोध निंदा करते हैं। राजकुमार शर्मा ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगे यह है कि अपने घरों में जाने इच्छुक फंसे हुए प्रवासी कामगारों की यात्रा सुनिश्चित की जाए, श्रमिकों से कोई किराया नहीं लिया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें रास्ते में खर्चा का भी भुगतान किया जाना चाहिए। अंत्योदय बीपीएल एपीएल आधार जैसे दस्तावेजों की मांग के बिना सभी जरूरतमंद परिवारों को राशन प्रदान किया जाए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। उज्जवला गैस योजना का विस्तार सभी श्रमिक परिवारों तक किया जाए काम के घंटे में कोई वृद्धि नहीं होनी चाहिए। हम कोविड-19 के संकट के बहाने श्रम कानूनों में नियोक्ता परिवर्तन का विरोध करते हैं कोई छटनी नहीं नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए। कोविड-19 के सभी फंड फाइटर्स को सुरक्षा उपकरण सुनिश्चित किया जाए। इस संकटकाल में सरकार और पीएसयू कर्मचारी और श्रमिकों की सुरक्षा का सम्मान करें प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रवासी श्रम अधिनियम 1979 को मजबूत करें। राजकुमार शर्मा इंद्रपति ने कहा कि हमारी मांगों को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए उन्हें माने जाने की कृपा करें, अन्यथा संयुक्त यूनियन विवश होकर समस्त उक्त बिंदुओं पर धरना प्रदर्शन आंदोलन करेगी। जिसकी समस्त जवाबदेही मध्यप्रदेश सरकार की होगी जिसकी सूचना मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल प्रमुख सचिव श्रम मध्यप्रदेश शासन भोपाल को भी दिया गया है।