*गोविंदा के श्रमिक कॉलोनी में गहराया बिजली संकट* *अधिकारियों के बंगलों में हो* *रहा औद्योगिक बिजली का उपयोग*
संतोष चौरसिया
*गोविंदा के श्रमिक कॉलोनी में गहराया बिजली संकट*
*अधिकारियों के बंगलों में हो* *रहा औद्योगिक बिजली का उपयोग*
*श्रमिक हित में संघ करेगा धरना प्रदर्शन- श्रीकांत शुक्ला*
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र के गोविंदा कॉलोनी के श्रमिक हफ्ते भर से बिजली के संकट से त्रस्त है। विगत 3 अगस्त 2020 तारीख को श्रमिक आवासों में बिजली आपूर्ति का ट्रांसफार्मर खराब हो जाने के कारण श्रमिक आवासों में पूरा दिन बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। 04 घंटे सुबह और शाम को कई बार बिजली कटौती होती है कारण यह है की श्रमिक आवासों में 16 सौ केवीए के ट्रांसफार्मर से बिजली सप्लाई होता है किंतु सोलह सौ केवीए के ट्रांसफार्मर के खराब होने से उसकी जगह 1 हजार केवीए का ट्रांसफार्मर तात्कालिक व्यवस्था के तहत लगा दिया गया है जबकि क्षेत्रीय ई एंड एम वर्कशॉप में एक ट्रांसफार्मर 16 केवीए का तैयार अतिरिक्त रखा हुआ है। कोतमा गोविंदा उपक्षेत्र के किसी भी अधिकारी द्वारा पर्याप्त क्षमता का 16 सौ केबीए का दूसरा ट्रांसफार्मर क्षेत्र से लाकर लगवाने की कोई व्यवस्था नहीं किया जा रहा है क्योंकि उनके आवासों में बिजली की सप्लाई औद्योगिक बिजली लाइन से कनेक्शन दिया गया है जो खदानों में उपयोग के लिए महंगे दर में कंपनी खरीदती है उसका उपभोग किया जा रहा है जिससे कंपनी को कई लाख आर्थिक नुकसान हो रहा है जो अनवरत विगत 10- 15 वर्षों से ज्यादा समय से किया जा रहा है अधिकारियों के इस तानाशाही और दोहरी नीति के रवैया से श्रमिकों के बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है जो प्रतिदिन ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस के कारण देशभर में शिक्षण संस्थान बंद है जिसके कारण हजारों श्रमिकों के बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। अधिकारियों के घरों में तो 24 घंटा बिजली आपूर्ति होने से उनके परिवार को कोई तकलीफ कष्ट नहीं सहना पड़ता और बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होता है इस कारण उन्हें क्या फर्क पड़ता है की श्रमिकों के बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है या नहीं श्रमिकों ने मांग किया है की अधिकारियों के बंगले में भी घरेलू बिजली का आपूर्ति किया जाए जिससे कंपनी को प्रतिमाह हो रहे कई लाख के आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके और इस प्रकार की भ्रष्ट व्यवस्था की जांच कंपनी के उच्च प्रबंधन और सतर्कता विभाग से करवाया जाए साथ ही गोविंदा उपक्षेत्र के सभी श्रमिको और श्रमसंघों में बिजली कटौती को लेकर आक्रोश व्याप्त है, जिससे कभी भी उपक्षेत्रीय कार्यालय का घेराव और कोयला परिवहन को अवरुद्ध किया जा सकता है। को म सभा/ एच एम एस के अध्यक्ष श्रीकांत शुक्ला ने कहा कि प्रबंधन अतिशीघ्र गोविंदा टाउनशिप में बिजली संकट को दूर नही करता तब संघ मजबूर होकर सभी श्रमिको को साथ लेकर उपक्षेत्रीय कार्यालय में धरना प्रदर्शन को बाध्य होगा