*न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं मिला रास्ता* *थानगांव सरपंच सचिव को नहीं है न्यायालय के आदेश की परवाह*
*न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं मिला रास्ता*
*थानगांव सरपंच सचिव को नहीं है न्यायालय के आदेश की परवाह*
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा ज्ञात हो कि जनपद पंचायत कोतमा के अंतर्गत ग्राम पंचायत थान गांव निवासी बृजेश सिंह बारगाही पिता रामनरेश बरगाही की जमीन पर कुछ दबंग सहित सरपंच सचिव के द्वारा राजीव गांधी पंचायत भवन निर्माण कराया गया है जबकि पीड़ित व्यक्ति को खेत में कृषि कार्य करने के लिए आना जाना पड़ता है इस आशय की न्यायिक मांग करते हुए मामला न्यायालय में चला और पीड़ित पक्ष की ओर फैसला माननीय न्यायालय तहसीलदार कोतमा जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश ने सुनाया की बृजेश सिंह बरगाही का रास्ता खोल कर दिया जाए लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद भी आज तक संबंधित पक्ष सरपंच सचिव द्वारा रास्ता नहीं दिया गया है जबकि न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 723अ/ 2014-15 ग्राम कोतमा में पारित आदेश पारित किया गया था लेकिन माननीय न्यायालय के आदेश के बाद भी सरपंच सचिव थानगांव द्वारा पीड़ित किसान बृजेश कुमार बरगाही के खसरा हल्का नंबर 41/ खसरा नंबर 644 /रखवा नंबर 0, 202 हेक्टेयर में बाउंड्री बनवा दिया गया है जिससे कृषि कार्य पर निस्तार बंद हो गया है जिसमें न्यायालय में न्याय हेतु आवेदन किया गया था और न्याय भी मिला लेकिन वर्तमान समय तक तानाशाही रवैया अपनाते हुए पीड़िता को रास्ता नहीं दिया जा रहा है इस गतिविधि से वह और उसका परिवार काफी दुखी है जबकि अपने तरीके से उसने 181 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन माननीय न्यायालय का फैसला सरपंच सचिव को सूचित थाना प्रभारी बिजुरी कलेक्टर महोदय अनूपपुर इत्यादि लोकतांत्रिक व्यवस्था से अवगत करा दिया है इसके बावजूद न्याय मिलना तो दूर ऊपर से उसे प्रताड़ित किया जा रहा है अब सवाल यह उठता है कि आखिर पीड़ित व्यक्ति बृजेश कुमार वरगाही न्याय के लिए जाए तो जाए कहां इस और शासन प्रशासन को ध्यान देते हुए माननीय न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना अति आवश्यक है