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*पीएफ ग्रेजुएटी भुगतान हेतु लिपिक जनार्दन सिंह व कार्मिक प्रबंधन एचएन ठाकुर ने वसूली लाखों रुपए* *पीड़ित कर्मचारी रामाधार शर्मा ने की महाप्रबंधक से शिकायत*

*पीएफ ग्रेजुएटी भुगतान हेतु लिपिक जनार्दन सिंह व कार्मिक प्रबंधन एचएन ठाकुर ने वसूली लाखों रुपए*
*पीड़ित कर्मचारी रामाधार शर्मा ने की महाप्रबंधक से शिकायत*
संतोष चौरसिया


जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र में इन दिनों कालरी से सेवानिवृत्त हो रहे कालरी कर्मचारियों को मिलने वाला बीएफ ग्रेजुएटी का भुगतान दिलाए जाने के नाम पर व्यापक पैमाने पर उनसे ब्लैक मेलिंग कर लाखों की वसूली की जा रही है ऐसा ही एक मामला जमुना कोतमा क्षेत्र के आमाडाड़ बरतराई उप क्षेत्र का सामने आया है जिसमें की वहां पर पदस्थ लिपिक जनार्दन सिंह द्वारा पीएफ की राशि दिलाए जाने की एवज में ₹1 लाख ले लिया और ग्रेजुएटी के भुगतान दिलाए जाने के लिए डेढ़ लाख रुपए की मांग किया जा रहा था कि साहब एचएन ठाकुर कार्मिक प्रबंधक को देना है जिसकी शिकायत खुद पीड़ित कर्मचारी रामाधार शर्मा ने महाप्रबंधक सुधीर कुमार से करके उचित कार्यवाही की मांग की है

*यह है पूरा मामला*
पीड़ित सेवानिवृत्त कालरी कर्मचारी रामाधार शर्मा पिता कौशल शर्मा ने बताया कि वह बरतराई खदान से 31 अगस्त 2020 मे सेवानिवृत्त हुआ और जब रिटायरमेंट हेतु फार्म भरवाने गया तो जनार्दन सिंह लिपिक द्वारा मुझे बताया गया कि आपको 38 लाख ही पीएफ मिलेगा ₹5 लाख आपका लफड़े में है जिसे लेनदेन के लिए आपको ₹1 लाख हमारे पास जमा करने होंगे तब आपको कुल तिरालिस लाख रुपया मिलेगा तब मेरे द्वारा उनके पास ₹1 लाख जमा किया गया यह पैसा मैंने दो किस्तों में ₹5 हजार पीएफ राशि आने के पूर्व तथा दूसरी किस्त ₹5 हजार पीएफ राशि आने के बाद दिया

*जनार्दन सिंह ने ऐसे रचा षड्यंत्र*
रामाधार शर्मा ने बताया कि रिटायरमेंट के कुछ समय बाद जनार्दन सिंह द्वारा फोन करके कहा गया कि आपके बैंक पासबुक में रामाधार शर्मा है उसमें केवल रामाधार करवाइए शर्मा हटा दीजिए मैंने ऐसा सुधार करवा कर उनको छाया प्रति लेकर जनार्दन सिंह के पास गया तब उनके द्वारा कहा गया कि अभी लाक डाउन है ना कंपनी की डाक जा रही है और ना ही कंपनी का चपरासी डाक लेकर जा रहा है या तो आप गाड़ी लेकर बिलासपुर के पीएफ ऑफिस में जमा करके आइए अन्यथा ₹10 हजार दीजिए गाड़ी करके जाना पड़ेगा तथा वहां जमा करने के लिए बाबू को कुछ देना पड़ेगा तब मैंने कहा कि अभी मेरे पास नहीं है मैं पहले ही आपको पैसा दे चुका हूं तथा नोड्यूज जमा करने के उपरांत मैं जनार्दन सिंह से पुनः निवेदन किया तो उन्होंने कहा कि आपके ग्रेजुएटी में इनकम टैक्स कटेगा जिससे आपको मात्र ₹14 लाख ही मिलेगी यदि आप डेढ़ लाख रुपए देते हैं तो मैं उप कार्मिक प्रबंधक एचएन ठाकुर को दूंगा तो तुम्हारा टैक्स नहीं कटेगा क्योंकि तुम देख ही रहे हो कि मैं ही रिटायरमेंट कर्मचारियों के भुगतान से संबंधित सारे कार्य देखता हूं तथा उप कार्मिक प्रबंधक एचएन ठाकुर से मेरा सीधा संपर्क है तथा मेरे द्वारा ही उनको पैसा वसूल कर दिया जाता है तब आप लोगों का भुगतान इतना जल्दी और आसानी से हो जाता है और जो नहीं देता वह सालों तक घूमते रहते हैं मेरा पिछला रिकॉर्ड पता कर लो
*महाप्रबंधक की सक्रियता से बचा डेढ़ लाख रुपए*
तब परेशान होकर रामाधार शर्मा ने डेढ़ लाख रुपए की व्यवस्था कर उप क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पहुंचा ही था तो पता चला कि क्षेत्र के महाप्रबंधक सुधीर कुमार महोदय जो अभी-अभी हमारे एरिया में आए हैं वह उप क्षेत्रीय प्रबंधक आमाडाड़ कार्यालय में मौजूद हैं तो मैं बाहर ही खड़ा था तथा श्रीमान जी के जाने के पश्चात पता चला कि मुख्य महाप्रबंधक द्वारा जनार्दन सिंह एवं उप कार्मिक प्रबंधक एचएन ठाकुर को उनके द्वारा रिटायरमेंट कर्मचारियों के साथ किए जा रहे छल एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी फटकार लगाई है एवं अपना काम इमानदारी से करने की नसीहत दी गई है तब जाकर मेरा साहस बढ़ा कि मेरे हक में पूरा पैसा मिलेगा और मैंने डेढ़ लाख रुपए जनार्दन सिंह को नहीं दिया कुछ समय पश्चात मेरा ग्रेजुएटी का पूरा पैसा 20 लाख रुपए मेरे खाते में आ गया बिना किसी टैक्स कटौती के तब मुझे एहसास हुआ कि जो मुझसे ₹1 लाख लिए गए हैं वह छल पूर्वक लिया गया था तब मैं जनार्दन सिंह से मिला और कहा कि मेरा ग्रेजुएटी का पूरा पैसा कैसे आ गया तथा मैंने यह भी कहा कि मेरा छुट्टी का पैसा भुगतान कराई उन्होंने कहा कि वह डेढ़ लाख रुपए उप कार्मिक प्रबंधक ठाकुर साहब मांग रहे हैं मैंने अपना ₹1 लाख वापस करने की अपील की तो उन्होंने कहा कि वह पैसा मेरे पास नहीं है मैंने वह पैसा ठाकुर साहब को दिया है वह बिलासपुर पहुंचाए हैं आपकी मेरी शिकायत करनी है तो करिए मेरा कुछ नहीं होगा इससे पहले भी मेरी शिकायतें मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में की जा चुकी हैं पता कर लो मेरा कुछ नहीं हुआ क्योंकि मैं ठाकुर साहब को पैसा देता हूं और मुझे हर शिकायत से बचाते हैं ज्ञात हो कि उक्त लिपिक की शिकायत पूर्व में भी की गई थी लेकिन उस संबंध में क्या हुआ उसका पता आज तक नहीं चल पाया है पीड़ित कॉलरी सेवानिवृत्त कर्मचारी रामाधार शर्मा ने क्षेत्र के लोकप्रिय महाप्रबंधक सुधीर कुमार से मांग किया है कि उनसे जो छल पूर्वक ₹1 लाख लिए गए हैं उसे वापस दिलाया जाए एवं भ्रष्ट कर्मचारी के खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए ताकि आगे किसी प्रकार भी रिटायरमेंट कर्मचारी के साथ ऐसा छल और धोखा ना हो सके

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