अनूपपुर

तुलसी महाविद्यालय में जनभागीदारी मद से व्यय राशि की जांच कराने की मांग

रिपोर्टर संजीत सोनवानी

अनूपपुर। जिला मुख्यालय स्थित शासकीय तुलसी महाविद्यालय में इन दिनों जनभागीदारी मद से अनाप-शनाप राशि महाविद्यालय के विकास कार्यों के नाम से खर्च की जा रही है। छात्र बताते हैं, कि महाविद्यालय में पिछले 17-18 महीनों में 50 लाख से अधिक राशि स्थानी मद जनभागीदारी से महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य द्वारा रंग-रोहन, पेयजल आदि नाम से खर्च कर दी गई है, वही महाविद्यालय का स्तर जस का तस बना हुआ है, बल्कि जिला मुख्यालय की महाविद्यालय से कहीं ज्यादा विकास व उन्नति की ओर उसके अधीनस्थ महाविद्यालय पुष्पराजगढ़ है जो कि कम बजट व सीमित संसाधन के बावजूद नेक से ग्रेटिंग हासिल कर ली और जिले का नाम इस आदिवासी अंचल के महाविद्यालय ने पूरे देश-प्रदेश में गौरवान्वित किया है,वहीं जिला मुख्यालय स्थित तुलसी महाविद्यालय ने पिछले 2 वर्षों से कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं की है, इस महाविद्यालय में केवल छात्रों की फीस में वृद्धि और अनाप-शनाप खर्चा ही किए गए हैं।
बढ़ाई गई फीस
तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्रा शासन की निर्धारित फीस तो जमा करता ही है, साथ ही साथ जनभागीदारी शुल्क जो कि महाविद्यालय द्वारा तय किया जाता है, वह भी फीस जमा कर दिया जाता है, जिसे प्रभारी प्राचार्य द्वारा छात्राओं के साथ अन्याय पूर्ण निर्णय कर उसमें डेढ़ गुना वृद्धि करा दी गई ताकि जनभागीदारी का खजाना भरा रहे, और अपने मन मुताबिक उसे खर्च करते रहे, और हो भी ऐसा ही रहा है। शुल्क वृद्धि के आंदोलन में छात्रों के सड़क में उतरने के बावजूद शुल्क में कमी नहीं की गई और उस पैसों से जमकर मलाई छानी जा रही है, और छात्रों के रुपयों से अपना व्यवहार बनाया जा रहा हैं।
जांच की मांग
शासकीय तुलसी महाविद्यालय में विकास के नाम पर उड़ाए जा रहे छात्रों के रुपयों की जांच की मांग लोगों ने की है। फीस में वृद्धि कर पहले खजाना भरा गया फिर उसे रंग-रोहन, बिजली फिटिंग, टीन सेड, साइकिल स्टैंड, कैंटीन, कॉमन रूम, धूल-डस्ट आदि के नाम से उड़ाया गया, इन दिनों नगर की जनता महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य से जबरदस्त नाराज है, और शासन प्रशासन से जनभागीदारी मद के खर्च हुए राशि की जांच की मांग की है।

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