केंद्र सरकार महंगाई पर लगाम लगा पाने में नाकाम-वर्मा
रोज-रोज की बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त

मनेंद्रगढ़। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी शहर मनेंद्रगढ़ के प्रवक्ता शुद्धूलाल वर्मा ने अपने एक बयान में कहा है की जनता की नजर में महंगाई आज भी सबसे बड़ा मुद्दा है लेकिन जनता की आवाज कोई सुनने वाला कोई नहीं है। केन्द्र सरकार अपने हाल में मस्त है। केंद्र सरकार को जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं। ऐसा लगता है कि केंद्र की मोदी सरकार धन्ना सेठों की है, आम आदमी की नहीं। नतीजन महंगाई बढ़ती जा रही है और पैसे वाले ज्यादा पैसे वाले होते जा रहे हैं। जनता को वोटों की राजनीति ने बर्बाद कर दिया। जनता जनार्दन मूक दर्शक बनी हुई है और महंगाई की मार झेल रहीं है। देशव्यापी लाॅकडाउन के बाद महंगाई ने जनजीवन को कई मायनों में प्रभावित किया है। श्री वर्मा ने आगे कहा कि बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त है। आम व्यक्ति आवश्यक उपभोग की वस्तुओं तक नहीं खरीद पा रहा। वर्तमान में महंगाई से निजात पाना एक प्रमुख चुनौती है। महंगाई समाज के हर एक नागरिक का एक प्रमुख मुद्दा है जिस पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। देश की जनता के लिए महंगाई अब भी एक गम्भीर मुद्दा है, क्योंकि देश की करीबन 80-85 प्रतिशत जनता निम्न मध्यवर्गीय या गरीब है। आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ जाने से घर का बजट चरमरा जाता है। अतरू यह सोचना कि महंगाई अब कोई मुद्दा नहीं है, गलत है। देश मे पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों से जनता त्रस्त है। महंगाई से लोगो का जीना मुहाल हो गया है। बढ़ती महंगाई को लेकर जनता चुप्पी साधे हुए है। पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी करने के लिए सरकार के पास विकल्प है। उसके लिए केंद्र सरकार करों में कमी कर मूल्य वृद्धि पर लगाम लगा सकती है। महंगाई के दौर में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को ज्यादा सहन करना पड़ रहा है केन्द्र सरकार को सोचना चाहिए। देश में महंगाई चरम पर है लगातार मूल्य वृद्धि से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। घर का बजट गड़बड़ा गया है। जिस तरह से बेतहाशा महंगाई बढ़ रही है, आम जनता बहुत परेशान है। लोगों का घर चलाना मुश्किल हुआ जा रहा है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के जो दाम बढ़ाए गए हैं, उनसे जनता बहुत परेशान है। इसका प्रभाव बाकी चीजों पर भी पड़ रहा है। केन्द्र सरकार जनता का ध्यान महंगाई जैसे मुद्दों से हटाकर दूसरे मुद्दों की तरफ करना चाहती है। भय का माहौल भी बनाया जाता है ताकि जनता की आवाज को दबाया जा सके। मगर यह समस्या का समाधान नहीं है। लोगों के मन में रोष व्याप्त है। इससे साफ जाहिर होता है कि जनता परेशान तो है परन्तु सुनने वाला कोई नहीं है। महंगाई से जनजीवन प्रभावित हुआ है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं की निरंतर बढ़ रही कीमतों से जनता त्रस्त है। मंदी के इस दौर में जहां गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के पास आय के स्रोत भी निश्चित नहीं है ऐसे में मूलभूत जरूरतें पूरी करना भी मुुश्किल हो रहा है। केन्द्र सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के प्रयास करे, ताकि जनता को राहत मिल सके। महंगाई की मार असल में मध्यमवर्गीय लोगों पर पड़ी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कम होती कीमतों के बाबजूद पेट्रोल-डीजल की रोज-रोज बढ़ती कीमतें,गैस सिलेंडर की कीमतों में भारी बढ़ोतरी केंद सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। लगातार जिस प्रकार से देश में महंगाई बढ़ती जा रही है, लोग इससे त्रस्त हैं। लोग बेबस हैं, सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में असफल हुई है, जिसका बोझ सीधे आम जनता पर पड़ा है। पेट्रोल, डीजल, गैस आदि के दाम बढ़ रहे हैं जिससे लोग परेशान हैं।