हिंदुस्तान पावर परिसर में श्रद्धा और उल्लास से पूजे गये निर्माण के देवता विश्वकर्मा
वाहनों आदि की मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा

जैतहरी। 17 सितम्बर 2019 को हिंदुस्तान पावर परिसर में पारंपरिक श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान विष्वकर्मा की पूजा की गई। परंपरा में आदि शिल्पी, वास्तुकार और सर्वोच्च अभियंता माने जाने वाले विश्वकर्मा की पूजा में कामगारों, अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस पावन असवर पर कार्य स्थलों की विशेष साफ-सफाई कर पूजा का परिवेश तैयार किया गया। हिंदुस्तान पावर की अनुबंधित एजेंसियों शिवशक्ति, शिवगंगा, एसके इंटरप्राइजेज,साई कृपा, प्रदीप अग्रवाल, गुलजार, प्रिसिजन आदि ने पूजा के आयोजन में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई। कंपनी के मुख्य सलाहकार, प्लांट हेड, ओएंडएम हेड, एचआर-एडमिन हेड समेत कई अधिकारियों ने पूजा और हवन में भाग लिया। पूजा समारोह का समन्वय एचआर विभाग के महाप्रबंघक ने किया। इस आयोजन का समापन विशाल भंडारे से हुआ जिसमें कामगारों, अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर मशीनो, कलपुर्जाें, वाहनों आदि की मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान विश्वकर्मा की महिमा का व्याख्यान किया गया। सभी ने परियोजना के निर्बाध और सुरक्षित परिचालन के लिए भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद लिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा निर्माण के सर्वोच्च देवता है। उन्हें पहला अभियंता और आदि वास्तुकार माना जाता है। वास्तुदेव और अंगरिसी के पुत्र विश्वकर्मा का जन्म अश्विन मास के प्रतिपदा को हुआ था। धार्मिक आख्यान उन्हें सोने की लंका, इंद्रपुरी, यमपुरी, वरूणपुरी, पांडवपुरी, द्वारका, कुबेरपुरी, सुदामापुरी आदि का निर्माता बताता है।