वन्यजीवों का जी.आई. तार बिछाकर शिकार करने वाले अपराधी मौके पर पकड़े गए

(भानु प्रताप साहू)
बलौदाबाजार। वनमंडल अधिकारी बलौदाबाजार आलोक तिवारी एवं उप वनमंडलाधिकारी कसडोल उदय सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन एवं परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी टी. आर. वर्मा के दिशानिर्देशन में अर्जुनी परीक्षेत्र अंतर्गत सतत् गस्त कर वन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा हेतु कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी तारतम्य में क्षेत्र के अंतर्गत रात्रि दिनांक 27 नवम्बर 2019 को रात्रि गश्त के दौरान वन परिक्षेत्र अर्जुनी अंतर्गत पश्चिमी अर्जुनी के आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 356, शक्ति नाला के पास लगभग रात्रि 9:00 बजे पगडंडी में चमकीला तार दिखाई दिया। यह सूखे वृक्षों एवं खुंटी के सहारे जमीन की सतह से 1 फीट की ऊंचाई में एवं शक्ति नाला के अंदर पानी की सतह के एक फीट की ऊंचाई में खूंटी के सहारे नहर के पास किसानों द्वारा सिंचाई हेतु लगाए गए बोर पंप से वायर के द्वारा विद्युत लाइन से जी.आई. तार को जोड़कर फैलाया हुआ था जिसका उद्देश्य जंगली जानवरों का शिकार करना था। जिसका पताशाजी के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी टी. आर. वर्मा, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी लक्ष्मी प्रसाद, श्रीवास्तव वनपाल, परिसर रक्षी, पश्चिम अर्जुन प्रवीण कुमार आडिले, परिसर रक्षी सराईपाली हीराराम साहू वनरक्षक, परिसर रक्षी पूर्व अर्जुन खगेश्वर ध्रुव वनरक्षक, रामभरोस साहू एवं अन्य सुरक्षा श्रमिक द्वारा रात भर जंगल में चौकसी कर दिनांक 28 नवम्बर 2019 की सुबह तक देख रहे थे। तभी प्रातः 5:45 बजे दो लोग शिकार के उद्देश्य से लगाए जी. आई. तार को समेट रहे थे। अपराधियों को मौके पर ही पकड़ लिया तथा आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 356 में रखा गया। वारदात को अंजाम देने वाले अपराधिय है 01 परदेसी वल्द रतनसिंह ठाकुर एवं 02 आनंद वल्द स्वः रामाधिन बरिहा को रंगे हाथ पकड़ा गया। अपराधियों से शिकार हेतु रखे हथियार जी. आई. तार 03 किलोग्राम, 48 खाली दवाई की सीसी, लोहे का हसिया एवं 03 नग खाली सीमेंट बोरी, 01 नग नायलॉन छैला बरामद किया गया। उक्त प्रकरण के अनुसार अपराधी के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 एवं वन्य जीव संरक्षण संशोधन अधिनियम 2002 की धारा 9, 50 एवं 51 के तहत जुर्म कायम कर पी. ओ. आर. नंबर 15544/14 दिनांक 28 नवम्बर 2019 को जारी कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। उक्त वन अपराध प्रकरण की विवेचना परीक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी टी. आर. वर्मा के मार्गदर्शन में सहायक परीक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी लक्ष्मी प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा किया गया एवं दोनों अपराधियों को रिमांड हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।