नेशनल लोक अदालत सम्पन्न, कुल राशि 14196588 अवार्ड हुई
1377 प्रकरण लोक अदालत में रेफर, 187 का निराकरण

रिपोर्टर@देवानंद विश्वकर्मा
अनूपपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार 08 फरवरी 2020 को जिला मुख्यालय अनूपपुर एवं तहसील न्यायालय कोतमा व राजेन्द्रग्राम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन डाॅ. सुभाष कुमार जैन, जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर के मार्गदर्शन में किया गया। जिला न्यायालय में जिला न्यायाधीश डाॅ. सुभाष कुमार जैन के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। लोक अदालत के लिये जिला न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील न्यायालय कोतमा व राजेन्द्रग्राम में कुल 13 खण्डपीठों का गठन किया गया है।लोक अदालत में दाण्डिक, शमनीय प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिला मुख्यालय, अनूपपुर, तहसील कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम में लंबित प्रकरणों मेें से 1377 प्रकरणों को लोक अदालत मे रेफर किया गया, जिनमे से कुल 187 प्रकरणों का निराकरण हुआ। प्रीलिटिगेशन के 469 प्रकरण लोक अदालत में प्रस्तुत हुए जिनमें से 37 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। आयोजित लोक अदालत में कुल राशि 14196588 अवार्ड हुई। लोक अदालत मे सभी पक्षकारो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा आपसी सुलह एवं सामंजस्य के आधार पर स्वस्थ वातावरण में आपसी राजीनामा की कार्यवाही करके परस्परिक भाईचारा एवं सौहार्द का परिचय दिया तथा अपने-अपने प्रकरणों का राजीनामे के आधार पर निराकरण कराया। लोक अदालत में न्यायालय के कर्मचारीगण, अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, अधिवक्तागणों तथा पक्षकारगणों ने सहयोग प्रदान किया। लोक अदालत में माता-पिता एवं पुत्र के बीच चल रहा भरण-पोषण का प्रकरण सौहार्दपूर्ण वातावरण में निराकृत हुआ। प्रकरण अनुसार 80 वर्षीय पिता एवं 70 वर्षीय माता ने अपने पुत्र से भरण पोषण प्राप्त करने के लिये न्यायालय की शरण ली थी, जिसपर न्यायालय ने 2500/-रूपये प्रतिमाह माता-पिता को भरण पोषण दिये जाने का निर्देष पारित किया था, किन्तु पुत्र के द्वारा किसी माह में राषि दी जा रही थी तो किसी माह में राषि नहीं दी जा रही थी, जिसके कारण वयोवृद्ध माता-पिता काफी परेषानी में जीवन यापन कर रहे थे। लोक अदालत में समझाईष देने पर पुत्र ने शेष राशि एकजाई माता-पिता को प्रदान की तथा न्यायालय के आदेषानुसार प्रत्येक माह राषि देने की सहमति दी। लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर भू-भास्कर यादव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजेष कुमार अग्रवाल प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष, भूपेन्द्र नकवाल द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष, स्वयं प्रकाष दुबे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, राकेष सनोड़िया व्यवहार न्यायाधीष वर्ग-1, आरती रतौनिया व्यवहार न्यायाधीष वर्ग -2, प्रशिक्षु न्यायाधीश निधि चिटकारा, रवि साहू, भाविनी सिंह, रश्मि काकोटिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी जीतेन्द्र मोहन धुर्वे, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष दुर्गेश पाण्डेय, नगर पालिका, विद्युत मण्डल, बैंकों के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में पक्षकारगण, अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारी उपस्थित रहे।