छत्तीसगढ़

रेत के अवैध उत्खनन एंव परिवहन में लगे 8 ट्रैक्टर में तहसीलदार की कार्रवाई, खनिज विभाग की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

(भानु प्रताप साहू)
कसडोल। कसडोल क्षेत्र अंतर्गत इन दिनों रेत परिवहन हैं जो रुकने का नाम ही नही ले रहा खासकर बात करें महानदी के अस्तित्व की तो रेत माफिया नदियों की प्राकृतिक सौंदर्य की धज्जियां उड़ाने से बाज नही आ रहे है, साथ ही नदी तट किनारे बसें गांवों के लिए मुशीबत पैदा कर रहे है, जिससे भविष्य में ग्रामीणों को बाढ़ की मार झेलनी पड़ सकती हैं। रविवार को कसडोल विकासखंड के ग्राम मोहतरा एवं चरौदा के चिचपोल घाट में रेत का अवैध परिवहन में लगे ट्रैक्टरों की सूचना रविवार को मीडिया द्वारा एसडीएम टी.सी. अग्रवाल को दिया गया जिसके बाद कल देर शाम तहसीलदार शंकर लाल सिंन्हा ने मौके में दलबल समेत दबिश दी। अधिकारी को आता देख माफियो में हड़कम मच गई और ट्रैक्टर के ट्राली छोड़ इधर उधर भागने लगे हालांकि सूचना के बाद अधिकारी के देर से पहुचने के कारण दर्जनों गाड़ी मौके से रेत लेकर फरार हो चुके थे जिसके कारण केवल 8 ही ट्रैक्टरों पर कार्यवाही हो सकी। एसडीएम सहित तहसीलदार सिंन्हा मीडिया से बात करते बोले रविवार को उनके द्वारा 8 ट्रैक्टरों पर कार्यवाही की गई हैं ये कार्यवही आगे भी होते रहेगी। ऐसा नही की पूर्व में अधिकारी रेत माफियो पर कार्यवाही नही किए लेकिन कार्यवाही निरन्तर नही होने के चलते माफियो में विभाग का खौफ नही, इससे पहले 20 से 25 दिन पहले भी एसडीएम-तहसीलदार को सुचना के बाद लगभग 38 हाइवा पर कार्यवाही हुई थी, वही राजश्व विभाग की कार्रवाई से खनिज विभाग की उदासीनता साफ देखी जा रही जिन्हें परिवहन के सूचना के बाद भी कार्यवाही पर सुशती साफ देखी जा रही। वही इस मामले में ग्राम पंचायत चौरादा के उपसरपंच जगदीश घृतलहरे ने कहा की यहाँ रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर रेत परिवहन कर रहे जिसके चलते गांव की सड़क की हालात खराब हो चुकी साथ स्कुली बच्चो को भी भारी मात्रा में गाड़ी चलने के कारण डर बना रहता है, इससे पहले भी एक बार कार्यवाही हुई थी लेकिन चार, पांच गाड़ियों पर ही जबकि परिवहन सैकड़ो गाड़ियों से हो रहा था अगर सभी गाड़ियों पर कार्यवाही समय रहते हो तभी परिवहन पर काबू पाया जा सकता।

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