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पुस्कर डैम जर्जर स्थिति में होने के कारण प्रशासन ने किया अलर्ट

दो बांधों के साथ कपिलधारा जल प्रपात मे भी भारी तबाही का दिखाई दे रहा मंजर

रिपोर्टर-संजीत सोनवानी

राजेन्‍द्रग्राम । अमरकंटक नर्मदा नदी पर बने पहले डैम पुस्कर की दीवारें भारी बारिस का दबाव बर्दास्त नही कर पा रही है। नतीजन डैम के गेट के पास बनी मिट्टी की दीवार टूट-टूट कर बारिश के पानी के साथ बह रही है। क्षेत्र मे लगातार हो रही बारिश से डैम पर पानी का भराव तय सीमा से अधिक हो चुका है और बारिश का सिलसिला अभी भी जारी है। जिला एवं नगरीय प्रशासन ने पहले एहतियात के तौर पर कोई भी पुख्ता इंतजामात नही किये जिसकी बानगी डैम के बह जाने रुपी खतरे के रुप मे दिखाई दे रही है। अमरकंटक मे नर्मदा उदगम स्थली से महज कुछ कदमों पर ही पुस्कर डैम का भराव क्षेत्र आता है। अमरकंटक मे पुस्कर डैम के बाद दो अन्य डैम भी नर्मदा नदी मे बने हैं। नर्मदा नदी पुस्कर डैम से होती हुई कबीर सरोवर डैम, आरंडी संगम डैम, कपिल धारा जल प्रपात से प्रवाहित होती है। यदि डैम की दीवार को टूटने से नही रोका जा सका तब अन्य दो बांधों के साथ कपिल धारा जल प्रपात मे भी भारी तबाही का मंजर दिखाई देगा।
टूटने से हो सकता है तबाही
प्रकृति की गोद मे बसे अमरकंटक को आधुनिकीकरण के दौड़ मे जबरिया शामिल किया जा रहा है, किंतु आज भी यहां प्रकृति अपनी अदभुत छटा बिखेरे दिखाई पड़ती है। यहां देशी ही नही विदेशी सैलानियों का आना जाना पूरे वर्ष लगा रहता है। अमरकंटक मे आने वाले पर्यटक व श्रद्धालू यहां की मनमोहक छटा बिखेरती प्राकृतिक सौंदर्यता को कभी नही भूल पाते। यहां धार्मिक आस्था लिये नर्मदा नदी को मां मानकर पूजने वालों की कतारें कभी कम नही होती। बीते दशक मे बने पुस्कर बांध की दीवारें पानी के दबाव से दरक कर टूट रही है यदि इसे बचाया न जा सका तब यहां भारी तबाही दिखाई देगी। पुस्कर डैम के बाद बने कबीर सरोवर डैम, आरंडी संगम डैम जो पहले ही लगातार हो रही बारिश से लबालब भरे हुये है अब और पानी का दबाव नही सह पायेगें तो वहीं दूसरी तरफ उक्त डैम के नीचे बांधाग्राम व कपिला संगम नांमक रहवासी बस्तियां बसी हुई है यदि बांध टूटता है तब इन बस्तियों मे भी जल भराव की स्थिति निर्मित हो जायेगी जिससे जान माल के भारी नुकसान की आशंका को इंकार नही किया जा सकता। नर्मदा नदी के पहले जलप्रपात कपिल धारा मे भी यदि अत्यधिक मात्रा मे पानी आता है तो वहां की प्राकृतिक बनावट तहस नहस हो जायेगी और सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला यह जलप्रपात अपनी सौंदर्यता खो देगा।
डैम की दीवारें रही दरक
नर्मदा नदी का उदगम क्षेत्र पहाड़ो से घिरा हुआ है। म.प्र. की जीवनदायिनी कही जाने वाली इस नदी के उदगम स्थल मे बना जलकुण्ड इन्ही पहाड़ियों से रिसकर आने वाले पानी से बारहों माह आबाद रहता आया है। विगत कुछ वर्षो मे देखा गया है कि गर्मियों के दिनों मे यह कुण्ड भी सूखने के कगार पर पहुंच जाता है तो वहीं नर्मदा की धार टूट जाती है। जल प्रपातों मे बिना जल धारा के सिर्फ सूखे पत्थर दिखाई देते है। तो आज बारिष के दिनों मे यहां डैम की दीवारें दरक रही है। ऐसी सभी स्थितियां प्रशासनिक लापरवाही से निर्मित हो रही है। आधुनिकीकरण के नाम पर कांक्रिट के जाल प्राकृतिक जलमार्गों का पहले ही अतिक्रमण कर चुके है। प्लास्टिक समेत अन्य कचड़ों से यह पवित्र कही जाने वाली नगरी पटी हुई है। अंधाधुंध निर्माण कार्य यहां की भौगोलिक स्थिति के अनुकूल नही कहे जा सकते। वहीं बेजा कब्जा कर निर्माण कार्य वृक्षों की कटाई कर किये और कराये जा रहे है। समय रहते इन बातों पर संज्ञान नही लिया गया तब उक्त स्थान के अस्तित्व पर ही संकट खड़े होने से कोई नही रोक पायेगा।
औषधि के पेड़-पौधो पर मडरा खतरा
पर्यटन व श्रद्धा केन्द्र के साथ अमरकंटक प्राकृतिक जड़ी बूटियों के लिये भी जाना जाता है। यहां पाया जाने वाला गुलबकावली पूरे देश मे अपने औषधीय चमत्कारी गुण के लिये मशहूर है। नर्मदा नदी के किनारे हजारों औषधीय पौधे स्वतः ही फलते फूलते रहते है। औषधीय पौधों का वन एवं उद्यानकीय विभाग द्वारा समय समय पर रोपण भी किया जाता है। संजीवनी औषधीय केन्द्र अमरकंटक पुस्कर डैम से लगा हुआ है साथ ही उद्यान का क्षेत्र भी आता है यहां अनगिनत जड़ी बूटियां लगाई गई है जिनका विक्रय केन्दो के माध्यम से क्रय विक्रय किया जाता है यदि उक्त डैम का पानी अपनी सीमा तोड़ने मे कामयाब होता है तब इन दोनों स्थानोे के साथ नर्मदा नदी के बहाव क्षेत्र अमरकंटक मे उग रहे अनगिनत औषधीय जड़ी बूटियां नेस्ता नाबूद हो जायेगी। जिसकी भरपाई असंभव बनकर रह जायेगी।
इनका कहना है
पुस्कर डैम की दीवार टूटने की जानकारी सोमवार की सुबह ही मिल गई थी जिसे ठीक कराने प्रशासनिक अमले को भेजा गया है जल्द ही स्थिति सही कर ली जायेगी।
चंद्रमोहन ठाकुर
कलेक्टर, अनूपपुर
उक्त बांध का निर्माण सिंचाई विभाग द्वारा कुछ वर्ष पूर्व ही पूर्ण कराया गया है। बांध की दीवार टूटने की यह घटना निर्माण कार्य मे हुये भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करती है।
फुन्देलाल सिंह मार्को
विधायक,पुष्पराजगढ़

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