संतोष चौरसिया कोतमा
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*पुलिस ने पकड़ा मारुति वैन में कई पेटी अवैध शराब और थाना पहुंचने से पहले ही नेतागिरी के दबाव में छोड़ भी दिया*
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा अनूपपुर जिले के कोतमा थाना अंतर्गत उस समय एक नया मोड़ आया जब लहसुई गांव के दो गुटों के लोगों में विवाद हो रहा था और जिसकी सूचना थाना कोतमा को दी गई तब कोतमा थाना की पुलिस वहां पर पहुंचकर मामले को शांत कराने का प्रयास किया गया तभी पुलिस की गस्ती व सक्रियता को देखकर एक मारुति वैन चालक ने मारुति कार को ही छोड़कर फरार हो गया तब कोतमा पुलिस ने समझा कि लाइन क्लियर ना होने की वजह मारुति कार खड़ा है लेकिन जब लाइन क्लियर होने के बाद भी वह मारुति कार कहां से नहीं गया तो पुलिस को शंका हुई कि जिन गुटों में विवाद हो रहा है उसी का कोई सदस्य इसमें हो सकता है और अपना विवाह कर सकता है तब पुलिस ने मारुति कार के अंदर झांक कर देखा तो कई पेटी अवैध शराब उसमें दिखाई पड़ा तब पुलिस ने उसे अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया उसके बाद शुरू हुआ नेतागिरी का खेल कोतमा के सत्ताधारी बड़े नेता से लेकर जिलाध्यक्ष व कई मंडल मंडल कमंडल कमंडलम लोगों का फोन आया जिसके दबाव में आकर पुलिस को लाखों रुपए की अवैध शराब जोकि प्राप्त जानकारी के अनुसार राज नगर क्षेत्र से लाया गया था जिसे कोतमा थाने पहुंचने से पहले ही नेतागिरी के दबाव में छोड़ दिया गया यह बात पूरी तरह सत्य है यह अलग बात है कि अब इस बात का अब कोई प्रमाण नहीं है लेकिन सत्य सत्य ही होता है जिसे छुपाया नहीं जा सकता देशभक्ति और जनसेवा का हवाला देने वाले पुलिस को क्या ईमानदारी के साथ अवैध शराब को जब नहीं करना चाहिए था अगर उक्त कई पेटी अंग्रेजी अवैध शराब किस की कीमत लाखों रुपए में है को जप्त किया जाता तो व सैकड़ों लीटर से ऊपर होता और आरोपी की जमानत नहीं होती तब कहीं जाकर अवैध शराब पर कुछ अंकुश लग पाता लेकिन यहां तो सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का ऊपर से नेताजी का फोन विचारणीय प्रश्न