अनूपपुर

20 वर्षो से विद्यापीठ को नही हो पाया स्थाई लीज पर भूमि का आवंटन

बेसहारा बच्चों का सहारा मां शारदा कन्या विद्यापीठ को स्थाई लीज की दरकार

अनूपपुर। जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक के पोड़की स्थित श्री रामकृष्ण विवेकानंद सेवाश्रम अमरकंटक जिला ही नही बल्कि देश प्रदेश मे निःशुल्क शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है, जिसके संरक्षक कोलकाता के डॉ. प्रवीर सरकार हैं। जिन्होने न सिर्फ गरीब व बेसहारा बच्चों को निरूशुल्क शिक्षा देने का संकल्प लिया बल्कि उन्हे रहने खाने तक की निरूशुल्क व्यवस्था कर शिक्षा के क्षेत्र मे अपनी अलग पहचान बनाई। श्री सरकार घूम घूमकर गरीब बच्चों को शिक्षा और चिकित्सा प्रदान करते हुये पोड़की मे रामकृष्ण विवेकानंद सेवाश्रम की स्थापना कर स्थाई रूप से शिक्षा व चिकित्सा सुविधा देने का वचन के अनुरूप कार्य शुरू किया।
लीज भूमि का नहीं हो पायीं आवंटन
यह अचरज की बात है कि श्री रामकृष्ण विवेकानंद सेवाश्रम के संरक्षक डॉ. प्रवीर सरकार ने खुद के पैसे व लोगों की मदद से जनजातीय क्षेत्र पोड़की व आसपास के ग्रामीणों को नि:शुल्क शिक्षा देने का संकल्प लिया, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी सरकार द्वारा आज तक सेवाश्रम का स्थाई लीज पर भूमि आवंटन नही किया गया। जबकि इसके लिए वे वर्ष 1999 से प्रयासरत हैं। एक जानकारी मे श्री सरकार ने बताया कि लगभग 20 वर्ष पहले स्थाई लीज देने के एवज मे संबंधित कार्यालय द्वारा कुछ पैसों की मांग की गई थी जो मेरे पास नही होने के कारण आज तक सेवाश्रम को भूमि आवंटन नही किया गया।
डाॅ.सरकार ने सुनाई दास्तां
श्री रामकृष्ण विवेकानंद सेवाश्रम के संरक्षक डॉ. प्रवीर सरकार ने विगत दिवस प्रदेश के महामहिम राज्यपाल लालजी टण्डन से मिलकर स्थाई लीज न मिल पाने की दास्तां सुनाई तथा संस्था की मदद करने व स्थाई लीज दिलाने की मांग की। इस दौरान माननीय राज्यपाल, डॉ. सरकार से लगभग 85 मिनट तक बातचीत की तथा इस मामले मे जल्द ही फैसला लेकर डॉ. सरकार की मांग पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
यह था मामला
दो प्रतिशत के कम आदिवासी महिला साक्षरता वाले जिले मे कल्याण मंत्रालय (वर्तमान मे जनजातीय कार्य मंत्रालय) भारत सरकार द्वारा शत प्रतिशत अनुदान पर संस्था द्वारा 1 मई 1995को मां शारदा कन्या विद्यापीठ का संचालन पोड़की मे किया गया था जिसमे 90 बैगा जनजाति की छात्राएं अध्ययनरत हैं। योजना के नियमानुसार इस आवासीय कन्या परिसर स्थापना के लिए राज्य शासन को पांच एकड़ भूमि संस्था को निःशुल्क प्रदाय करने का प्रावधान है। 9 जून 1997 को कलेक्टर शहडोल द्वारा ग्राम भमरिया मे खसरा क्र 61/1 रकवा 1.619 तथा 58/1 के करवा 0.405 कुल रकवा 2.024 हेक्टेयर आदिम जाति कल्याण विभाग को अंतरित किया गया था उस विभाग द्वारा 4 मार्च 1998 को कब्जा संस्था को सौंपा गया। जिसके द्वारा उक्त भूमि पर निर्माणाधीन भवन को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था जिसके बाद 21 सितंबर 1998 को तत्कालीन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भारत सरकार श्रीमती मेनका गांधी द्वारा शहडोल कलेक्टर को दूसरी भूमि संस्था को आवंटित करने हेतु पत्र भी लिखा गया था। उक्त पत्र के आधार पर गुलाम सिंह आर्मो एवं उनके परिवार द्वारा 11 मार्च 1999 को संस्था संचालन हेतु प्रदेश शासन के पक्ष मे अवत्यजन कर दिया गया था, उक्त भूमि खसरे मे मप्र शासन दर्ज है। वर्तमान खसरा वर्ष 2017-18 मे कालम संख्या 12 मे आवेदित संस्था रामकृष्ण विवेकानंद आदिवासी कन्या आश्रम भी दर्ज है।
संस्था को हुआ नुकसान
1995 से संचालित संस्था को कार्यालय कलेक्टर अनूपपुर 30 मार्च 2017 पत्र क्रमांक 138/नोजुल 2017 एवं 1 दिसंबर 2017 पत्र क्रमांक 451/नोजुल 22 अप्रैल 2019 पत्र क्रमांक 908 नोजुल 2019 द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल को संस्था को भूमि स्थाई लीज पर प्रदान करने के लिए प्रतिवेदन भेजा। 13 मई 2008 को चालान क्रमांक 116 रकम 1 हजार एवं चालान क्रमांक 117 रकम 3760रूपये धरोहर राशि के रूप मे कार्यालय कलेक्टर अनूपपुर मे जमा भी करा दिया गया था, लेकिन आज तक संस्था को भूमि स्थाई लीज पर आवंटन नही हो सका है जिस कारण संस्था को 61 लाख रूपये का नुकसान हुआ है।

 

Related Articles

Back to top button