अनूपपुर

पसान में कोरोना बिमारी से बचाव में लापरवाही भारी ना पड़ जाए

पसान में कोरोना बिमारी से बचाव में लापरवाही भारी ना पड़ जाए

पसान में कोरोना बिमारी से बचाव में लापरवाही भारी ना पड़ जाए।
सुरेश शर्मा

भालूमाड़ा—- देशभर में कोरोना के मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है जिसके मद्देनजर शासन प्रशासन संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रयासरत भी है लेकिन अनूपपुर जिले के पसान नगर पालिका क्षेत्र में को रोना बीमारी को लेकर स्थानीय प्रशासन लापरवाही बरत रहा है आम जनों की चिंता है कि नगर में आए दिन बाहर से बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं जिनका समुचित जांच पड़ताल नहीं हो रहा अनेक लोग तो रेड जोन से आकर खुलेआम घूम फिर रहे हैं वहीं अनेक लोग तो ऐसे भी हैं जो अपने आने की जानकारी भी नहीं दे रहे और ना ही जांच करा रहे।
पसान नगरी क्षेत्र कोयलांचल क्षेत्र है जहां ज्यादातर श्रमिक कई अन्य प्रदेशों के निवासी हैं उनके बच्चे परिजन रिश्तेदार बाहर रहते हैं और वह लोग अब वापस यहां आ रहे हैं इसी प्रकार यहां के अनेक लोग जो गैर श्रमिक हैं गरीब हैं मजदूर हैं उनके परिवार के लोग भी अपने कमाने खाने के लिए अन्य प्रदेशों में गए हुए थे अब वह लोग भी वापस आ रहे हैं साथ ही साथ प्रदेश के अन्य रेड जोन जिलों से भी लोग यहां वापस आ रहे हैं और यह सभी लोग अपने अपने घरों में रह रहे हैं घूम रहे हैं इन पर कोई पाबंदी या दिशा-निर्देश नहीं है
सभी बाहरी को होम क्वॉरेंटाइन–

नगर में पिछले दस पंद्रह दिनों में लगभग 40 से 50 लोग प्रदेश के अन्य जिले एवं दूसरे प्रदेश से आए हैं जिन्होंने अपनी जानकारी प्रशासन को दी है और प्रशासन द्वारा स्क्रीनिंग जांच कर उन सभी को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है लेकिन यह लोग होम क्वॉरेंटाइन का पालन ना करते हुए अपने घरों में मोहल्लों में यहां तक कि नगर में निश्चिंत होकर घूम रहे हैं।
नगर वासियों की चिंता—-

आम जनों की चिंता इस बात को लेकर है कि जो लोग रेड जोन से आए हैं उन्हें भी होम क्वॉरेंटाइन किया गया है क्या टेंपरेचर स्क्रीनिंग करना ही उनकी प्रमाणिकता है नगर के सीमावर्ती छत्तीसगढ़ के सरगुजा मरवाही में जिस तरह से मरीजों की जानकारी हुई है और वहां के शासन प्रशासन द्वारा सभी बाहर से आए लोगों को होम कोरन टाइन ना कर अलग से क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजकर उनकी जांच परीक्षण किया जा रहा है। जिससे बीमारी होने पर अन्य लोग सुरक्षित रहें
होम क्वॉरेंटाइन सुरक्षित नहीं—

कोयलांचल क्षेत्र में जो निवासी हैं उनमें कालरी श्रमिकों को आवास मिला हुआ है वहीं बड़ी संख्या में अन्य लोग जो अपने गुजर-बसर के लिए दो तीन कमरों का घर बनाकर रह रहे हैं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी दो तीन कमरों का आवास होता है इनमें से किसी के भी परिवार के सदस्य को यदि होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है तो वह अपने घर परिवार से अलग होकर नहीं रह सकता उसकी विवशता है कि वह घर के अन्य सदस्यों के साथ ही संपर्क में रहना पड़ेगा और यदि कोई भी बाहरी व्यक्ति को कुछ समस्या हुई तो इसका पूरा परिवार मुहल्ला नगर इस समस्या से बच नहीं पाएगा।
नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंस का पालन—-

नगर में सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक सब्जी व अन्य दुकानें खोलने के आदेश हैं जहां सब्जी दुकानों में सुबह से लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है वहीं कुछ दुकानों में भी लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे यहां तक कि आम लोग व दुकानदार तक स्वयं को असुरक्षित करते हुए मास्क तक नहीं लगा रहे और स्थानीय प्रशासन है कि केवल शाम को 7:00 बजे दुकान बंद करवाने एवं वाहनों का चालान करने में ही सुरक्षा की खानापूर्ति कर रहे हैं।
रेड जोन से आने वालों को किया जाए सेंटर क्वॉरेंटाइन-— स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रारंभ में जिस प्रकार से सावधानी बरतते हुए बाहर से आए लोगों को स्थानी उप स्वास्थ्य केंद्र एवं छात्रावास में क्वॉरेंटाइन किया गया था लेकिन जैसे ही बाहर से आने वालों की संख्या अधिक हुई सभी को केवल होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा जो उचित नहीं है सुरक्षा के लिहाज से कम से कम रेड जोन से आने वालों को घर से बाहर सुरक्षित सेंटर क्वॉरेंटाइन कर उनकी विधिवत जांच पड़ताल की जाए। साथ ही साथ जिन लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है और ऐसे लोग अपने घरों में सब के साथ मिलजुल कर रहे हैं उन्हें भी सचेत किया जाए और जो लोग होम क्वॉरेंटाइन के नियमों का पालन नहीं कर बाहर घूम रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाए अन्यथा जिस प्रकार की लापरवाही नगर में हो रही है वह कहीं भारी न पड़ जाए।।।।

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