संतोष चौरसिया जमुना कोतमा
कंप्यूटर शिक्षा संस्थालय शिक्षा देने के नाम पर फर्जीवाड़े का चल रहा खेल
संतोष चौरसिया
कोतमा-वैसे तो प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेट संस्थान शिक्षा देने के नाम पर अपने मनमानी रवैया से जमकर लूट मचा रखी है शिक्षा देने के नाम पर छात्रों से मोटी रकम ऐंठी जा रही है। जमुना कोतमा क्षेत्र में कई ऐसे शिक्षा संस्थान संचालित हैं जहां पर शासन प्रशासन के नियमों को दरकिनार कर लोगों के साथ शिक्षा देने के नाम पर फर्जीवाड़ा का खेल खेला जा रहा है सूरज कुमार तिवारी पिता मनोज कुमार तिवारी उम्र 30 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 4 बस स्टैंड कोतमा द्वारा अनूपपुर जिला कलेक्टर एवं अनूपपुर पुलिस अधीक्षक से 21 अगस्त 2018 को लिखित शिकायत करते हुए बताया कि वर्ष 2009 में बीसीए कोर्स संस्था सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ कंप्यूटर एंड टेक्नोलॉजी जमुना तिराहा,कोतमा में प्रवेश किया था संस्था के संचालक विवेक सिंह कोतमा द्वारा पहले सेमेस्टर से लेकर छठवे सेमेस्टर तक पूरी राशि ₹42,500 ले ली गई तथा उनके द्वारा दिनांक 3 जुलाई 2012 को छठवे सेमेस्टर की शुल्क जमा करने के बाद संचालक द्वारा बताया गया कि छठवे सेमेस्टर प्रैक्टिकल छोड़कर अन्य विषयों की परीक्षा नहीं होगी और अतिरिक्त ₹500 लेकर प्रैक्टिकल बिना प्रैक्टिकल करवाए नंबर देने की बात कही गई और कहा गया कि तुम्हारी शुल्क मिल गई और 3 माह के अंदर शिकायतकर्ता का रिजल्ट मिल जाएगा ऐसा आश्वसन दिया गया।
10 साल बाद भी नहीं मिला रिजल्ट-
पूरे 10 वर्ष बाद भी छठवे सेमेस्टर का रिजल्ट नहीं दिया गया और ऐसे ही छलावा बार-बार किया जाता रहा और यह कहा जाता था कि तुम्हारा रिजल्ट जल्द घोषित होगा। और फिर कुछ माह पहले इंदौर शाखा पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में संपर्क से शिकायतकर्ता को ज्ञात हुआ कि संचालक द्वारा छठवे सेमेस्टर की शुल्क राशि ₹6,550 नहीं दी गई इसलिए यूनिवर्सिटी द्वारा छठवे सेमेस्टर का कोई कार्य नहीं किया गया संचालक द्वारा शिकायतकर्ता को गलत जानकारी देते हुए बार बार शिकायतकर्ता के साथ छलावा किया जाता रहा। और शिकायतकर्ता को यूनिवर्सिटी द्वारा यह भी ज्ञात हुआ कि छठवे सेमेस्टर में दो विषयों की परीक्षा और साथ में प्रैक्टिकल सम्मिलित है जो कि आज तक संचालक द्वारा नहीं बताया गया और उनकी बात सुनकर शिकायतकर्ता का भविष्य अंधकार में दिखने लगा। उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के उपरांत भी कोई भी कार्यवाही ना होता देखकर शिकायतकर्ता द्वारा पुनः 20 सितंबर 2019 को कोतमा थाने में लिखित शिकायत करके आपबीती घटना से थाना प्रभारी को अवगत कराया।