
रिपोर्टर@देवानंद विश्वकर्मा
अनूपपुर। केन्द्र में मोदी सरकार और उसकी नीतियों को लेकर भारतीय मजदूर संघ सड़क पर दो-दो हाथ करने के लिए उतर गई है। भाजपा का परिवार कही जाने वाली बीएमएस आखिर अपने ही परिवार के प्रधानमंत्री के नीतियों को खिलाफ झंडा बुलंद करने को क्यों मजबूर है, यह आज एक बड़ा सवाल है समाज के अंदर खड़ा है त्याग, तपस्या और बलिदान का नारा बुलंद करते हुए भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता और पदाधिकारी निजीकरण का विरोध करते हुए रैली निकाली और कलेक्टेªट पहुॅचकर ज्ञापन सौंपा। कोयलांचल क्षेत्र के राजनगर, बिजुरी, जमुना-कोतमा के अंदर श्रम संगठनो में काम करने वाले तमाम श्रमिक नेता इस आंदोलन में हिस्से लिये। सार्वजनिक उपक्रमो का निजीकरण, सामान्य कार्य समान वेतन की मांग,अस्थाई ठेका श्रमिको को नियमित करना, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमितीकरण करने, सफाई कर्मियों को उचित मानदेय और नियमितकरण, रेलवे और बैंको के निजीकरण किये जाने के विरोध में ज्ञापन सौंपा तथा भारत सरकार से मांग किया कि उक्त मांगो को शीघ्र पूरा किया जाये। इस रैली को भारतीय मजदूर संघ के शषि उरमलिया, मनोज श्रीवास्तव, ताराचन्द्र यादव, विजय सिंह, संजय सिंह, नरेश साहू, भृगुनाथ मिश्रा, के.के.तिवारी, रोषन उपाध्याय,रामबली के अलावा भारी संख्या में बीएमएस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।