स्त्री रोग विशेषज्ञ को लेकर एक बार फिर मनेन्द्रगढ़ के साथ हुआ छलावा

मनेन्द्रगढ़। कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ का सरकारी अस्पताल फिर स्त्री रोग विशेषज्ञ का मोहताज हो गया है, क्षेत्र की हजारों महिलाओं को अभी भी स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी से जूझना पड़ेगा। ताजा मामले में मनेन्द्रगढ़ में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विशाखा डे को मनेंद्रगढ़ से हटाकर 4 दिन चिरमिरी और 2 दिन सोनहत में सेवाएं देने के लिए आदेशित किया गया है। जिसके कारण अब मनेंद्रगढ़ की महिलाओं को इलाज के लिए किसी अन्य डॉक्टर के आने तक इंतजार करना होगा। मिली जानकारी के अनुसार स्त्री रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना अवधि समाप्त हो जाने के बाद डीएमएफ मद से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विशाखा डे की नियुक्ति की गई साथ ही उन्हें मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवायें देने के लिए कहा गया लेकिन ना जाने क्यों ऐसा क्या हुआ कि उन्हें 4 दिन चिरमिरी और 2 दिन सोनहत में सेवाएं देने का आदेश थमा दिया गया। प्रबंधन के इस आदेश के बाद वर्तमान में मनेंद्रगढ़ में कोई भी स्त्री रोग विशेषज्ञ कार्यरत नहीं है जिसका खामियाजा महिलाओं को उठाना पड़ेगा। सामाजिक कार्यकर्ता और मनेंद्रगढ़ फ्रेंड्स ग्रुप के अध्यक्ष अंकुर जैन ने बताया कि मनेंद्रगढ़ में ना कोई एनेस्थीसिया डॉक्टर सरकारी अस्पताल में है और जो पूर्व व्यवस्था बनी है उसमें भी फेरबदल कर उन्हें यहां से हटा दिया जाता है। मनेन्द्रगढ़ राजनीति का शिकार हो गया है। महिला चिकित्सक के मामले में श्री जैन ने कहा कि यह नहीं होना चाहिए। मनेन्द्रगढ़ ही नही आसपास के ग्रामीण अंचलों की हजारों महिलाएं इलाज के लिए मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है। साथ ही प्रसव संबंधी कार्यों के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ की नितांत आवश्यकता है। महिला चिकित्सक के ना होने से हजारों महिलाएं निजी नर्सिंग होम में ईलाज कराने को मजबूर हो जायेंगी। ज्ञात हो कि काफी संघर्ष और आम नागरिक मंच ने 21 जुलाई 2017 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में महिला रोग विशेषज्ञ की मांग को लेकर क्रमिक अनशन का आगाज किया था जो कि 37 दिन तक चला था। धरना प्रदर्शन के बाद एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू इक्का उसके बाद सीनियर गायनो लॉजिस्ट डॉक्टर विशाखा डे की पदस्थापना हुई लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद फिर वही हाल हो गया। अगर शीघ्र पदस्थापना स्त्री रोग विशेषज्ञ की नहीं होती है तो फिर से आंदोलन अनशन की स्थिति निर्मित होगी।मनेंद्रगढ़ फ्रेंड्स ग्रुप के सचिव आशीष मजूमदार ने कहा कि मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों से बहुत सारी महिलाएं मनेन्द्रगढ़ सरकारी अस्पताल प्रसव एवं अन्य बिमारी का इलाज कराने आती है। अगर सरकारी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होगा तो उनको प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख करना पड़ेगा यहां 40 से 50 हजार रुपए अतिरिक्त प्रसव मे लगेंगे जो कि उन्हें वहन करना होगा, गरीबों के लिए एवं मध्यम वर्ग के लिए भी यह रकम बहुत बड़ी रकम होती है। सरकार को तत्काल इस ओर ध्यान देना चाहिए।