मजबूर मजदूरों के साथ चूहे बिल्ली का खेल खेल रहे हैं दोनों राज्यों के अधिकारी संक्रमित क्षेत्र सूरजपुर से तकरीबन 25 की संख्या में मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा में छोड़ा गया राजनगर को रोना महामारी ने पूरे देश में अपनी जड़े जमा ली हैं और इस महामारी का सबसे बुरा असर मजदूरों पर पड़ा है वही महामारी के समय में प्रशासनिक अधिकारी भी मजदूरों के साथ चूहा बिल्ली का खे खेलखेलते नजर आ रहे हैं जिसका जीता जाता उदाहरण मध्य प्रदेश रामनगर के हाईवे पर बने मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा एवं घु टुरी टोला के पास छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश की सीमा पर देखा जा सकता है जहां पर वहां पर पदाधिकारियों का कार्य लोगों को बॉर्डर पर रोकना है किंतु मजदूरों के संबंध में संभवतया नियम लागू नहीं होता है और जानकारों की माने तो आम आदमी आने जाने पर तमाम नियम कायदे बताया जा रहे हैं किंतु मजदूरों के समय यही अधिकारी उन्हें बेधड़क छोड़ रहे हैं तो एक सीमा से दूसरे सीमा पर पहुंचा का छोड़ने का कार्य कर रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण आज 30 अप्रैल को देखा गया जहां छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा एक ट्रक के माध्यम से सूरजपुर से जो कोरोना संक्रमित इलाका है से तकरीबन 20 से 25 संख्या में मजदूर मध्य प्रदेश की सीमा पर छोड़ दिया गया और यह मजदूर सीमा को पार करते हुए तकरीबन 1 किलोमीटर आगे तक मध्य प्रदेश सीमा तक आ चुके हैं जिनके सामने अपने गंतव्य पहुंचने की समस्या खड़ी हो गई है अब सवाल यह उठता है कि यह मजदूर आखिर में सीमा पर नाकेबंदी होने के बावजूद भी सीमा के अंदर कैसे प्रवेश किए वही जानकारों की माने तो प्रशासन भी अब कोई खास रुचि नहीं ले रहा है तो सवाल यह no उठता है कि क्या प्रशासन की गलतियों की सजा क्षेत्र की जनता उठाएगी क्योंकि यह मजदूर जहां से जहां सेसे आए हैं वह कोरोनावायरस से संक्रमित क्षेत्र हैवहीं जानकारों की माने तो दोन
मजबूर मजदूरों के साथ चूहे बिल्ली का खेल खेल रहे हैं दोनों राज्यों के अधिकारी संक्रमित क्षेत्र सूरजपुर से तकरीबन 25 की संख्या में मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा में छोड़ा गया राजनगर को रोना महामारी ने पूरे देश में अपनी जड़े जमा ली हैं और इस महामारी का सबसे बुरा असर मजदूरों पर पड़ा है वही महामारी के समय में प्रशासनिक अधिकारी भी मजदूरों के साथ चूहा बिल्ली का खे खेलखेलते नजर आ रहे हैं जिसका जीता जाता उदाहरण मध्य प्रदेश रामनगर के हाईवे पर बने मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा एवं घु टुरी टोला के पास छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश की सीमा पर देखा जा सकता है जहां पर वहां पर पदाधिकारियों का कार्य लोगों को बॉर्डर पर रोकना है किंतु मजदूरों के संबंध में संभवतया नियम लागू नहीं होता है और जानकारों की माने तो आम आदमी आने जाने पर तमाम नियम कायदे बताया जा रहे हैं किंतु मजदूरों के समय यही अधिकारी उन्हें बेधड़क छोड़ रहे हैं तो एक सीमा से दूसरे सीमा पर पहुंचा का छोड़ने का कार्य कर रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण आज 30 अप्रैल को देखा गया जहां छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा एक ट्रक के माध्यम से सूरजपुर से जो कोरोना संक्रमित इलाका है से तकरीबन 20 से 25 संख्या में मजदूर मध्य प्रदेश की सीमा पर छोड़ दिया गया और यह मजदूर सीमा को पार करते हुए तकरीबन 1 किलोमीटर आगे तक मध्य प्रदेश सीमा तक आ चुके हैं जिनके सामने अपने गंतव्य पहुंचने की समस्या खड़ी हो गई है अब सवाल यह उठता है कि यह मजदूर आखिर में सीमा पर नाकेबंदी होने के बावजूद भी सीमा के अंदर कैसे प्रवेश किए वही जानकारों की माने तो प्रशासन भी अब कोई खास रुचि नहीं ले रहा है तो सवाल यह no उठता है कि क्या प्रशासन की गलतियों की सजा क्षेत्र की जनता उठाएगी क्योंकि यह मजदूर जहां से जहां सेसे आए हैं वह कोरोनावायरस से संक्रमित क्षेत्र हैवहीं जानकारों की माने तो दोन

मजबूर मजदूरों के साथ चूहे बिल्ली का खेल खेल रहे हैं दोनों राज्यों के अधिकारी
संक्रमित क्षेत्र सूरजपुर से तकरीबन 25 की संख्या में मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा में छोड़ा गया
समर बहादुर सिंह
राजनगरl को रोना महामारी ने पूरे देश में अपनी जड़े जमा ली हैं और इस महामारी का सबसे बुरा असर मजदूरों पर पड़ा है वही महामारी के समय में प्रशासनिक अधिकारी भी मजदूरों के साथ चूहा बिल्ली का खे खेलखेलते नजर आ रहे हैं जिसका जीता जाता उदाहरण मध्य प्रदेश रामनगर के हाईवे पर बने मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा एवं घु टुरी टोला के पास छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश की सीमा पर देखा जा सकता है जहां पर वहां पर पदाधिकारियों का कार्य लोगों को बॉर्डर पर रोकना है किंतु मजदूरों के संबंध में संभवतया नियम लागू नहीं होता है और जानकारों की माने तो आम आदमी आने जाने पर तमाम नियम कायदे बताया जा रहे हैं किंतु मजदूरों के समय यही अधिकारी उन्हें बेधड़क छोड़ रहे हैं तो एक सीमा से दूसरे सीमा पर पहुंचा का छोड़ने का कार्य कर रहे हैं
जिसका जीता जागता उदाहरण आज 30 अप्रैल को देखा गया जहां छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा एक ट्रक के माध्यम से सूरजपुर से जो कोरोना संक्रमित इलाका है से तकरीबन 20 से 25 संख्या में मजदूर मध्य प्रदेश की सीमा पर छोड़ दिया गया और यह मजदूर सीमा को पार करते हुए तकरीबन 1 किलोमीटर आगे तक मध्य प्रदेश सीमा तक आ चुके हैं जिनके सामने अपने गंतव्य पहुंचने की समस्या खड़ी हो गई है अब सवाल यह उठता है कि यह मजदूर आखिर में सीमा पर नाकेबंदी होने के बावजूद भी सीमा के अंदर कैसे प्रवेश किए वही जानकारों की माने तो प्रशासन भी अब कोई खास रुचि नहीं ले रहा है तो सवाल यह no उठता है कि क्या प्रशासन की गलतियों की सजा क्षेत्र की जनता उठाएगी क्योंकि यह मजदूर जहां से जहां सेसे आए हैं वह कोरोनावायरस से संक्रमित क्षेत्र हैवहीं जानकारों की माने तो दोन