अनूपपुर

कमलनाथ के जन विरोधी फैसलों का भाजपा करेगी विरोध- अनिल गुप्ता

रिपोर्टर@देवानंद विश्‍वकर्मा

अनूपपुर। मध्यप्रदेश कि वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा लगातार जनविरोधी  लिए जा रहे  निर्णय तथा  प्रस्तावित फैसलों को लेकर जहां आम जनता में भारी आक्रोश  का माहौल निर्मित हो रहा है तो वही भारतीय जनता पार्टी  हर ऐसे निर्णय का खुलकर विरोध  कर रही है जो जनता के हित में नहीं है। भाजपा सरकार के दौरान  प्रदेश के अंदर कई ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था जिस फैसले को बदलने की तैयारी में  कमलनाथ की सरकार लगी हुई है साथ ही प्रदेश के अंदर मंदिरों की भूमि को बेचने का फैसला जो सरकार कर रही है उसको लेकर भाजपा अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ के खाला का घर नहीं है, जो मर्जी आएगा वही करेंगे। मध्यप्रदेश के अंदर जनविरोधी कार्यों का डटकर मुकाबला किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी प्रदेष कार्य समिति के सदस्य विंध्य विकास प्राधिकारण के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि म.प्र. की कांग्रेस सरकार प्रदेष के नवगठित नगर परिषदों का अस्तित्व समाप्त कर पुनः ग्राम पंचायत बनाने का सुनियोजित प्रयास व पहल कर रही है, जिससे अनूपपुर जिले के कोतमा विधानसभा  व अनूपपुर जनपद की बनगवां डोला एवं डूमरकछार नव सूचित नगर परिषद का भी अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। भाजपा नेता श्री गुप्ता ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान ने 18 सितम्बर 2016 को कोयलांचल के प्रवास पर क्षेत्रीय नागरिको व जनभावना का सम्मानत करते हुए एक ही मंच से बनगवां, डोला एवं डूमरकछार नगर पंचायत निर्माण की घोषणा किए थे, म.प्र. सरकार नगरी प्रषासन ने विधिवत् प्रारंभिन अंतिम अधिसूचना राजपत्र में प्रकाष कर समस्त विधि अनुसार कार्यवाही पूर्ण करा दी गई है। भाजपा नेता गुप्ता ने कहा कि वार्डो का विभाजन भी विधिवत् हो गया है,चूंकि ग्राम पंचायत के निर्वाचित सरपंचध्पंच का कार्यकाल शेष था इसलिए निर्वाचन प्रक्रिया पंचायत कार्यकाल अवधि पूर्व होने के बाद होना है, किंतु कांग्रेस सरकार की यह तुगलकी विचार व पहल कोयलांचल क्षेत्र की जनता के साथ विष्वास घात है, भाजपा नेता कांग्रेस सरकार के इस पहल व विचार की भत्र्सना करते हुए कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम न उठाए जिससे जनता को आंदोलन के लिए विवष होना पड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को ऐसे प्रस्तावों पर पुनः विचार करके निर्णय बदलना होगा चाहे वह नगर पंचायत का मामला हो या फिर मंदिरों की जमीन को बेचने का इन तमाम मुद्दों से जनता को भारी नुकसान होगा। इस बात को सरकार को चिंता करनी चाहिए।

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