राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रतियोगिता के लिए छात्रा अनन्या शुक्ला को अनुपपुर कलेक्टर ने किया पुरस्कृत
रिपोर्टर प्रकाश कुशवाहा

अनुपपुर। 28 वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में अनुपपुर जिले की ओर से चयनित होने पर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने जिले की तीन छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया है, यह प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होती है जिसमें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस विज्ञान में बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने, उनकी रचनात्मकता को उजागर करने एवं उनकी कल्पना को साकार करने का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एन.सी.एस.टी.सी), डी. एस. टी, भारत सरकार द्वारा उत्प्रेरित एवं प्रायोजित है। एन.सी.एस.टी.सी, भारत सरकार द्वारा चयनित मुख्य कथानक एवं उप कथानक, जो दो वर्ष के लिये घोषित की जाती है, संबंधित विषयों पर बच्चे परियोजना का निर्माण करते हैं। चयनित बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेते हैं। इस प्रतियोगिता के लिए अनुपपुर जिले से भी तीन छात्रों का चयन हुआ जिसमे जूनियर वर्ग में स्किल वे स्कूल वेंकटनगर की छात्रा अनन्या शुक्ला, सीनियर वर्ग में भारत ज्योति विद्यालय की छात्रा प्रभा पांडे शासकीय प्राथमिक विद्यालय आमगवा की छात्रा रेशमी केवट को राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार की प्रतियोगिता में शामिल हुई जिन्हें कलेक्टर अनूपपुर द्वारा 15 फरवरी सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थित नर्मदा सभागार में टीएल बैठक के दौरान प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही साथ ही इन प्रतिभागियों के गाइड जिनमे स्किल वे विद्यालय वेंकटनगर की पूजा चतुर्वेदी, भारत ज्योति विद्यालय अनूपपुर की गाइड शोभना पांडे शासकीय प्राथमिक विद्यालय आमगवा की गाइड बीएल राठौड़ तथा जिले में इस प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक संचालन के लिए सर्व शिक्षा अभियान अनुपपुर के प्रमुख हेमंत खैरवार व इस प्रतियोगिता के प्रभारी को गतिविधियों के लिए संतोष तिवारी को भी कलेक्टर अनूपपुर ने प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया। ज्ञात हो को पंडित टीपी शुक्ला कॉलेज वेंकटनगर के संचालक मनीष शुक्ला की पुत्री अनन्या शुक्ला ने विज्ञान संबंधित अपना प्रोजेक्ट बना कर बेहतरीन ढंग से उसका प्रेजेंटेशन ऑनलाइन के माध्यम से किया था जहाँ उसे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया था। प्रतियोगिता के प्रभारी संतोष तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम को इस उद्देश्य से परिकल्पित किया गया हैरू बच्चों को एक मंच प्रदान करना जहां वे अपनी जिज्ञासा को आगे बढ़ा सके और रचनात्मक कार्य करने की प्यास बुझा सके। भौतिक और सामाजिक वातावरण के परिपेक्ष्य में स्कूलों में पढ़ाने व सिखाने की प्रक्रिया में बदलाव करना। बच्चों को राष्ट्र के भविष्य की कल्पना करने और संवेदनशील, जिम्मेदार नागरिकों की एक पीढ़ी बनाने में मदद करने के लिये प्रोत्साहित करना वैज्ञानिक चेतना को झंझकोरता है तथा प्रयोग, आंकड़ा संकलन, शोध विश्लेषण एवं नवाचारयुक्त प्रक्रिया से परिणाम तक पहुंचने हेतु प्रेरित करना। बाल विज्ञान कांग्रेस के मुख्य कथानक विविध हैं, जो राष्ट्रीय महत्व के हैं। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस परियोजनाओं की प्रकृति नवाचारयुक्त, साद्गीयुक्त एवं व्यवहारिक हो। सामूहिक कार्य दर्शायें।