स्वस्थ सुरक्षित हुआ बचपन एवं महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु दिया गया कौशल प्रशिक्षण
रिपोर्टर@देवानंद विश्वकर्मा

सकारात्मक वृद्धि 942 से छलांग लगाकर 992 हुआ जिले का लिंगानुपात
अनूपपुर। अनूपपुर जिले में विगत एक वर्ष में राज्य शासन के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों के पोषण एवं महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु सतत रूप से प्रयास किए गए हैं। बालिकाओं एवं नारीशक्ति के महत्व के प्रति जनजागरुकता अभियानों के माध्यम से आमजनो की सोच में सकारात्मक परिवर्तन किया गया। नवरात्रि, दीपावली (एक दिया बेटी के नाम मुहिम), पुरुषों की सोच में परिवर्तन हेतु विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाए गए। इन अभियानों के फलस्वरूप लिंगानुपात में गत वर्ष की अपेक्षा 50 अंको का सुधार हुआ। जिले की चारों परियोजनाओं अंतर्गत एक एक बाल शिक्षा केंद्र संचालित है जिन्हें उच्च गुणवत्ता हेतु प्ैव् 9001रू2015 प्रमाणन प्राप्त है। जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से जिले के समस्त 1149 आँगनवाड़ी केंद्रों को बाल शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहां पर शैक्षणिक आकर्षक पेंटिंग, मानसिक एवं शारीरिक विकास सम्बंधी खिलौने, उत्तम स्वच्छता एवं पेय जल व्यवस्था, गणवेश सुविधा आदि उपलब्ध रहेंगी। कुपोषण से निजात दिलाने हेतु जिला अधिकारियों द्वारा बच्चों को गोद लेकर उनके परिवार की आर्थिक मदद एवं पोषण सम्बंधी सुझाव देने की पहल की गयी जिससे बच्चों के स्वास्थ्य सकारात्मक सुधार हुआ। विभागीय प्रयासों से विगत एक वर्ष में 56 बालकों का जैविक परिवार में पुनर्वास सम्भव हुआ। इसके साथ ही 2 बच्चों को दत्तक परिवार से जोड़ा गया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत 20 मेधावी बालिकाओं को 5 हजार रुपए की छात्रवृत्ति, 50 बालिकाओं को ट्रैक सूट एवं शूज का वितरण किया गया। परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करने हेतु परिवार नियोजन अपनाने वाली 1123 बेटियों की माताओं का सम्मान किया गया। लाडली लक्ष्मी योजना अंतर्गत 2279 नवीन बालिकाओं का पंजीयन, 2642 बालिकाओं को 60 लाख 80 हजार रुपए की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। बाल विवाह की कुप्रथा से निपटने हेतु सक्रियता से कारवाई एवं विभाग द्वारा जनजागरुकता अभियान चलाया गया जिससे कई मासूम बचपन को सुरक्षित किया गया। महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु विधिक प्रावधानो की जानकारी के शिविरों का आयोजन कर महिलाओं को उनके अधिकारों एवं विधिक प्रावधानो से अवगत कराया गया। 14 सजायाफ्ता महिलाओं को सशक्त कर पुनः समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया।