
अनूपपुर जिला बनने से पहले तहसील का दर्जा प्राप्त था और शहर की बसाहट भी कुछ इस कदर है कि आज भी तंग गलियों से निकलना लोगों का मुश्किल हो जाता है इस शहर की सुंदरता के लिए भले ही कई लोगों को कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन हकीकत यह है कि वह कुर्बानी इस शहर की सुंदरता के लिए जरूरी भी है। शहर को सुंदर बनाने के लिए कड़े कदम उठाये जाने की आवश्यकता है लेकिन जब भी प्रशासन कदम बढ़ाता है तो राजनैतिक और कोर्ट कचेहरी के मकड़जाल में फंसकर प्रशासन को पीछे हटना पड़ता है।
राजेश सिंह/अनूपपुर। जिला मुख्यालय के अंदर से गुजरने वाली वेंकटनगर-अमरकंटक तिराहा तक सड़क का चौडीकरण का कार्य चल रहा है, और बाजार के अंदर लंबे समय से अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन और स्थानीय अतिक्रमणकारियों के द्वारा खींचतान चलता रहा। इसी बीच शुक्रवार के दिन अनूपपुर कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने ठोस निर्णय लेते हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए रणनीत बनाई और उस पर शनिवार के दिन कार्यवाही भी दिखने लगी। नगर के अंदर राजा ताम्रकार की बनी कई दुकानें जो सड़क निर्माण में अवरोध उत्पन्न कर रही थी उसे तोड़ने के साथ ही आसपास के अन्य अतिक्रमण किये गये भवनो पर प्रशासन ने जेसीबी चलवा दी। जिससे सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया। इस कार्यवाही को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज की तो अधिकांश लोगों ने जायज ठहराया। अनूपपुर एसडीएम कमलेश पुरी ने मौके पर खडे होकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू करायीं।
अतिक्रमण का मामला कोर्ट में
सड़क निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई जिसकी तमाम विभाग के अधिकारियों को लगाया और जेसीबी लगाकर शंकर मंदिर के आसपास किये गये अतिक्रमण को प्रशासन ने तोड़ना शुरू किया। वहीं इस कार्यवाही को लेकर कुछ लोंगों ने अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है लेकिन प्रशासन जबरदस्ती बुल्डोजर चलवा रहा है। वहीं जनहित में इस कार्यवाही को अधिकांशतः जायज ठहराया गया।
अतिक्रमण के चक्कर में लटका ओव्हर निर्माण
अनूपपुर शहर दो भागों में बंटा हुआ है और बीच से रेलवे लाइन का विस्तार है जिसके कारण आवागमन में मुसाफिरो को भारी परेषानी का सामना करना पड़ रहा है लंबे समय से ओव्हर ब्रिज का पैसा स्वीकृत हो चुका है और यहां तक लोगों को मुआवजा भी दिया जा चुका है इसके बाद भी अतिक्रमण के कारण ओव्हर ब्रिज निर्माण का कार्य लटका हुआ है। इंदिरा तिराहा से लेकर कोतवाली तक अगल-बगल किये गये अतिक्रमण को प्रशासन कब तब हटायेगा यह देखना वाली बात होगी।
स्टेशन की तंग गलियां बनी मुसीबत
अनूपपुर जिला मुख्यालय में जंक्षन होने के नाते यहां से टेªन पकड़ने के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रो के अलावा छत्तीसगढ़ राज्य के यात्री भी यहीं से ट्रेन पकड़ने के लिए आते है लेकिन यदि सबसे परेशानी का सामना करना होता है तो वह मुख्यालय के कोतवाली से लेकर रेलवे स्टेशन तक उन तंग गलियों से है जहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। यहां पर अतिक्रमण के कारण सबसे ज्यादा कठिनाई आवागमन करने में होती है। कई बार प्रशासन अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया,लेकिन नतीजा वहीं ढाक का तीन पात, नेतागिरी के चक्कर में आज भी यह रास्ता अतिक्रमण से मुक्त नहीं हो सका। यहां पर भी प्रशासन को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।