
धैर्य रखें जीत आपकी होगी
चलते चलते पग मोरे हारे ।पांव में पड़ गए छाले ।वो दुनिया के रखवाले ।सुन दर्द भरे दिल नाले। वो दुनिया के रखवाले ,जी हां यह उन लाखों मजदूरों की आवाज है जो अपना घर परिवार छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर रोजी रोटी के लिए गए थे और इस संकट की घड़ी में एक बार फिर से उन्हें अपने घर वापस पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है यह संघर्ष की घड़ी है इसमें राजा हो या रंक सभी ने घुटने टेक दिए हैं ऐसे वक्त में धैर्य के साथ हौसला रखते हुए इस संकट से निकलना सभी के लिए चुनौती है और उस चुनौती को स्वीकार करना हम सभी का कर्तव्य बनता है हम सभी ने जीवन कर्तव्य के पथ पर एक से बढ़कर एक संघर्ष का सामना किया है और उसमें विजय भी हासिल हुई है ।इसी तरह इस संघर्ष मे भी विजय हासिल होगी बस धैर्य और विश्वास कायम रखने की आवश्यकता है किसी का रोजगार धंधा चौपट हो रहा है तो किसी की नौकरी खतरे में पड़ी हुई है ।निश्चित ही आर्थिक तंगी का संकट हर किसी के सामने खड़ा होने वाला है जिससे हम सभी को दो-चार होना पड़ेगा फिर भी उसका सामना हमें करना है हार नहीं मानना है और इसी में हमारी जीत है। रूई की ढेर में सुई ढूंढने जैसा काम कोरोना वैक्सीन ढूंढने का है जिस पर सरकार काम कर रही है तब तक हमें सावधानीपूर्वक जीवन के पहिए को चलाते रहना है ।इस महामारी ने हमारे आपके जीवन को प्रभावित किया है इसमें कोई दो मत नहीं लेकिन इसके कारण हम अभी कोई जंग हार नहीं गए हैं। बल्कि जीतने के अवसर बहुत हैं यह मान लीजिए आप जिस तरह से बचपन में सांप सीढ़ी का खेल खेला करते थे और 99 पर पहुंचने के बाद आपको सांप काट लेता था और नीचे जीरो पर आ जाते थे फिर कोई सीढ़ी मिल जाती थी और फिर ऊपर अचानक पहुंच जाते थे ठीक उसी प्रकार इस संकट में भी आप जीरो पर आ गए हैं। समय आएगा फिर ऐसी सीढ़ी मिलेगी कि आप ऊपर पहुंच सकते हैं ।इसी भावना के साथ इस महामारी से लड़ना है यदि हम अपना धैर्य और साहस खो देंगे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। यह संकट हमारे और आपके परीक्षा की घड़ी है देश के अंदर हर कोई अपनी-अपनी समस्याओं में उलझा हुआ है ।किसी को उद्योग धंधे व्यापार नौकरी पेशा की चिंता है तो किसी को माता पिता भाई बहन नात रिश्तेदार घर परिवार की चिंता है हर कोई संकट के दौर से गुजर रहा है पर अंतिम सत्य यही है …जीत आपकी होगी
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आपका राजेश सिंह (पत्रकार)