अमेरिका में रहने वाले पुष्पेंद्र तिवारी 23 मार्च से लगातार कर रहे लॉकडाउन में जरूरतमंदों की मदद
13500 किलोमीटर की दूरी भी कम नहीं कर पाई देश प्रेम की भावना

रिपोर्टर@संजीत कुमार सोनवानी
अमलाई। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण आज पूरा भारत देश मुसीबत के दौर से गुजर रहा है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू किया कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ी जा रही। इस जंग में लॉकडाउन ने ढाल का काम किया और इस वायरस ने दुनिया के अन्य देशों में जितनी तबाही मचाई उसकी तुलना में हमारे देश में आज भी स्थिति नियंत्रण में है लेकिन लॉक डाउन लागू होने के कारण रोज कमाने खाने वाले गरीब मजदूर परिवारों के सामने दो वक्त की रोटी भी समय पर ना मिल पाने की समस्या सामने आने लगी। इस दौरान समाजसेवियों ने सरकार ने प्रशासन ने ऐसे जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश की कहते हैं दिल में यदि देश के लिए प्रेम है देशवासियों के लिए मुसीबत के वक्त मदद करने का जज्बा है तो फिर दूरियां भी आपको देशवासियों की मदद करने से नहीं रोक सकती जैसे ही लॉक डाउन लागू हुआ और अपने गांव के लोगों को हो रही मुसीबत की जानकारी सात समुंदर पार अमेरिका में रहने वाले पुष्पेंद्र तिवारी को लगी तो उन्होंने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद परिवारों की हर संभव मदद करने की जिम्मेदारी खुद के ऊपर उठा ली और 23 मार्च से लगातार उनके द्वारा जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है हम बात कर रहे हैं पुष्पेंद्र तिवारी पिता उदय शंकर तिवारी की जो अनूपपुर जिले के अंतर्गत आने वाले देवहरा गांव के निवासी है अपनी प्रारंभिक शिक्षा देवहरा के सरकारी विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर बुढार में और फिर कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पुष्पेंद्र तिवारी वर्तमान समय में वर्ष 2012 से अमेरिका के ऑस्टिन शहर में नौकरी कर रहे हैं प्रतिनिधि को फोन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान जब देश के प्रधानमंत्री ने देशवासियों की हर संभव मदद करने की अपील की तो मैं उससे बहुत प्रभावित हुआ लॉक डाउन लागू होने के कारण सबसे बड़ी समस्या गरीब मजदूर परिवारों को हो रही थी मैंने अपने गांव में रहने वाले दोस्तों जिनमें सुनीत सिंह मोनू प्रकाश मिश्रा रमेश रोहित तिवारी बसंत नापित विकास तिवारी मनीष तिवारी प्रमुख रूप से शामिल है से चर्चा की और गांव के लोगों की मदद करने की अपनी इच्छा व्यक्ति की अपने पिता उदय शंकर तिवारी से इस विषय पर चर्चा की और फिर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर जरूरतमंद परिवारों की मदद करने का काम शुरू किया गया।