अनूपपुर

जनजाति विश्‍वविद्यालय में व्यप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभाविप ने सौपा ज्ञापन, जिला प्रशासन की जांच की मांग

अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने स्थानीय जनजाति छात्रों को प्रवेश न देने व विश्वविद्यालय में चल रहे घोटाले की जाँच एवं और व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की है छात्रों ने आरोप लगता हुए कहा कि जनजाति विश्वविद्यालय में पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय एवं जनजाति छात्रों को प्रवेश से वंचित किया जा रहा है तथा प्रवेश सीटों की संख्या कम कर दी गई है। पीएचडी में भी स्थानीय एवं जनजाति छात्रों को प्रवेश से वंचित किया गया है तथा पीएचडी घोटाला करके अपने परिचितों को गैरकानूनी लाभ दिया गया है। विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसर पढ़ाई छोड़कर प्रशासन का कार्य देखने के नाम पर भारी भ्रष्टाचार एवं घोटाला करने में व्यस्त हो गए हैं
घोटालेबाज प्रोफेसर पर कानूनी कार्यवाही की मांग
विश्वविद्यालय में जनजातीय समाज, जनजातीय कला, जनजातीय संस्कृति, जनजातीय छात्र एवं स्थानीय छात्रों के लिए कभी कार्य नहीं होगा तथा भ्रष्टाचार करके ये कुछ प्रोफेसर अपने परिचितों को फायदा पहुँचाते रहेंगे एवं स्थानीय छात्रों और स्थानीय विश्वविद्यालय में नौकरी एवं पढ़ाई दोनों से वंचित हो जाएँगे। इन सभी विषय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र, युवा 25 जून 2021 को कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिला प्रषासन को सौंपा ज्ञापन और दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की माँग किए है। यदि दोषियों पर कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी तो विश्वविद्यालय के खिलाफ धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन किया जाएगा।
दशवी पास को बायो टेक्नॉलोजी की ऑल इंडिया बना दिया गया टॉपर
राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में केवल दशवी पास (जो 14 बार में भी स्नातक (बीई) की सेकंड सेमेस्टर पास नही हो सकी है) ऐसी छात्रा को पीएचडी एनट्रेंस परीक्षा में बायो टेक्नॉलोजी विषय की ऑल इंडिया टॉपर बना दिया गया है साथ ही पीएचडी की कोर्सवर्क की परीक्षा पास करा दिया तथा शोध उपाधि समिति से भी अनुमोदन दे दिया जबकि लड़की की योग्यता केवल दसवीं तक ही है। जिसमें फॉर्म भरने की आखिरी तिथि 09 अप्रैल 2017 थी, स्नातकोत्तर तथा पीएचडी की परीक्षा 29 अप्रैल 2017 को तथा स्नातक की 30 अप्रैल 2017 को तिथि निर्धारित की गयी। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अपने परिचित सुश्री विजेतना सिंह को गैरकानूनी एवं भ्रष्टाचार करके पीएचडी बायोटेक्नोलाजी में प्रवेश दिलाने के लिए “ऑल इंडिया एंट्रन्स एक्जामिनेशन” का फॉर्म भरवाया, यह जानते हुए कि वह छात्रा केवल दशवी पास है। भ्रष्टाचार और घोटालो में संलिप्त है ऐसे घोटालेबाज प्रोफेसरों पर कानूनी कार्यवाही की मांग की। छात्रों ने कहा अगर प्रशासन जल्द से जल्द कार्यवाही नही करता हैं तो आगे उग्र आंदोलन भी किया जाएगा वही इस पूरे मामले में प्रशासन ने जल्द कार्यवाही का छात्रों को आश्वासन दिया है।

 

 

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