संयुक्त श्रम – संघ ने प्रबंधन को किया आगाह जमुना कोतमा क्षेत्र में होगा धरना – प्रदर्शन संतोष चौरसिया
संयुक्त श्रम – संघ ने प्रबंधन को किया आगाह
जमुना कोतमा क्षेत्र में होगा धरना – प्रदर्शन
संतोष चौरसियाit
जमुना कोतमा जमुना – कोतमा क्षेत्र का प्रबंधन अपने नाकामी और कमजोरी को छिपाने के लिए अड़ियल रुख अपनाते हुए । समस्त श्रम संघों से दूरी बनाए हुए है, जो एक स्वस्थ औद्योगिक संबंध के विरुद्ध और घातक है। कोविड़ -19 महामारी की आड़ में किसी भी प्रकार बैठक श्रम संघों के साथ नहीं कर रहा है। यहां तक कि आई.आर. और जे.सी.सी. का बैठक भी जानबूझकर बंद कर रखा गया है। जबकि क्षेत्र के अधिकारियों की बैठक नियमित हो रहा है। बिलासपुर से होने वाले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी सामूहिक तौर पर दर्जनों अधिकारी एक साथ सभा कक्ष में बैठ कर बैठक कर रहे हैं। तब कोविड -19 वायरस से रोकथाम एवं बचाव के संबंध में जारी गाइड लाइन का उल्लघंन क्या नहीं होता है।
प्रबंधन को अपने निरंकुश, भ्रष्ट , अकर्मण्य कार्य आचरण और ठप्प कोयला उत्पादन की कमी को कंपनी के उच्च अधिकारियों से छिपाने एवं भ्रमित करने के लिए श्रम संघों से दूरी जानबूझकर बनाकर रखा ताकि आई. आर. और जे सी सी में उठने वाले मुद्दों से खुद को सुरक्षित रख सके और अपने कुर्सी बचा सके।
कंपनी ने उद्योग के सुचारू और पारदर्शी संचालन के उद्देश्य से क्षेत्र और इकाई स्तर में संयुक्त सलाहकार समिति का गठन किए जाने का प्रावधान किया है।
समस्त औद्योगिक विकास और उत्पादन में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए समय-समय में बैठक कर सलाह मशविरा के बाद ही प्रबंधन कोई निर्णय लेता है। किंतु जमुना कोतमा क्षेत्र में सभी समिति का अलिखित बहिष्कार प्रबंधन द्वारा किया गया है। इसका परिणाम यह रहा है कि इस बीच अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर बिना भय के कार्य कर रहे है और कोयला उत्पादन को गौंड मानकर पूरे क्षेत्र का उत्पादन निम्नतम स्तर में ला दिया है।
आमाडाड ओसीपी के इकाई स्तर के जे सी सी ने संयुक्त तौर पर पत्र लिखकर और क्षेत्रीय जे सी सी ने संयुक्त रूप से क्षेत्रीय प्रबंधन को पूरी जानकारी से अवगत करवाया कि कार्मिक प्रबंधक चरणजीत सिंह श्रम संघ प्रतिनिधियों और कर्मचारियों से अभद्र भाषा का प्रयोग कर दुर्व्यवहार करता है इसलिए इसे तत्काल हटाने की मांग किया गया था। उच्च प्रबंधन को सोचना चाहिए जरूर कोई और भी बात होगी, तब भी क्षेत्र के प्रबंधन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया । जिस दिन उसके आर्थिक भ्रष्टाचार की शिकायत कंपनी के उच्च प्रबंधन से होगा तब चरणजीत सिंह की असलियत सामने आएगी । साथ ही उक्त अधिकारी का स्थानांतरण सतर्कता विभाग के गाइड लाइन के पालन में तीन वर्ष से ज्यादा समय एक इकाई में पदस्थापित होने से कर है दिया जाना चाहिए ।
क्षेत्र के सभी श्रम संघ ने संयुक्त पत्र लिखकर कहा क्षेत्र के महाप्रबंधक से मांग किया है कि क्षेत्र में आई आर और जे सी सी बैठक चालू किया जाय और क्षेत्र के सभी उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाय जो संवेदनशील पदों में तीन वर्षो से ज्यादा समय से पदस्थापित है। साथ ही कोयला उत्पादन के गिरते स्तर पर कार्यवाही कर सुधार किया जाय एवं निजीकरण की ओर उद्योग को धकेलने की साज़िश को बंद किया जाय। क्षेत्र के सभी श्रम संघों के जे सी सी सदस्यों को जानकारी से अवगत कराया जाय अन्यथा 07 दिवस के बाद महाप्रबंधक कार्यालय के सामने सभी संघ एक साथ लॉकडाउन के नियमो का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन को मजबूर होगे। जिसकी समस्त जिम्मेवारी प्रबंधन की होगी