
अनूपपुर। बुढ़ार रेलवे मार्केट के ठीक सामने खाली पड़ी जमीन पर अवैध कब्जे धारी पैर पसार रहे हैं। कब्जाधारियों का आंकड़ा दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। भविष्य की विभिन्न योजनाओं के लिए आरक्षित अपनी भूमि से कब्जा हटाने रेलवे भी ध्यान नहीं दे रहा है। कब्जेदार व्यवस्थापन को आस में बैठे हैं। बुढ़ार रेलवे मार्केट चौक से स्टेशन तक रेलवे की जमीन है। इसके दोनों ही ओर रेल्वे की पर्याप्त खाली जमीन है, जिस पर धीरे- धीरे कब्जा हो रहा है। बुढ़ार नगर का सबसे व्यस्ततम और कीमती स्थान रेलवे मार्केट चौक है। जिनमें कुछ लोगों ने कब्जा कर दुकान बना लिया वहीं कुछ इसका आवासीय उपयोग कर रहे हैं। साथ ही बाजार भी लगाया जा रहा है। वहीं रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर अब तक ध्यान नहीं गया है। लगभग पांच वर्ष पूर्व डीआरम ने सभी कब्जेदारों को नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटाने को कहा था। इसके बाद कब्जेदारों में हड़कंप मच गया था। लेकिन स्थानीय लोगों ने विधायक से मिलकर बेदखल न करने की गुहार लगाई थी। तत्कालीन विधायक ने लोगों की मांग पर रेलवे अफसरों से चर्चा की। तत्काल कोई प्रोजेक्ट न होने पर रेलवे भी शांत हो गया। लेकिन उसके बाद से लगातार कब्जे बढ़ते चले गये। वर्तमान में वार्ड-8, एवं 13 में रेलवे की भूमि पर कई मकान अतिक्रमण कर बना लिये गये हैं। वार्ड क्रमाक-8 में भी कई दुकानें अवैध रुप से बना लिये गये हैं।
अतिक्रमण में बिजली कनेक्शन
बुढ़ार में एक ओर जहां रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जाकर मकान एवं दुकान बनाई गई है। वहीं लोगों द्वारा बकायदे बिजली विभाग से कनेक्शन भी लिया गया है। रेलवे की जमीन की जानकारी होने के बाद भी बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन प्रदान किया जाता है।
कोई बोर्ड नहीं केवल औपचारिकता
बुढ़ार में रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा रोकने के लिए कोई नोटिस बोर्ड भी नही लगवाया गया है। जिसमे साफ तौर पर लिखा गया हो कि यह रेलवे की जमीन है, यहां रेलवे की परियोजना प्रस्तावित है, जिसके लिए इस जमीन का उपयोग किया जायेगा। अतः अपने रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करें, जिससे आप सबको किसी प्रकार की परेशानी का अचानक सामना ना करना पड़े। बुढ़ार में अवैध कब्जेदारों को इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वे बल्कि कब्जाकर दुकान बनाकर किराये पर दो हजार रुपये प्रतिमाह पर किराये पर भी देकर चलवा रहे है।