*देश की खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता के साथ ही लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई भी लड़ेंगे देश के किसान*
*देश की खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता के साथ ही लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई भी लड़ेंगे देश के किसान*
*25 सितंबर को मध्यप्रदेश बन्द का एलान*
संतोष चौरसिया
अनूपपुर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य परिषद सदस्य कामरेड विजेंद्र सोनी एड ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि मोदी सरकार ने जिस तरह से तमाम लोकतान्त्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को ठेंगा दिखाते हुए देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालने वाले एवं खेती पर से किसानों को हटाकर कॉर्पोरेट्स के हवाले करने वाले अध्यादेशों को पारित कराया है उसके कारण किसानों की लड़ाई अब खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओ की हो गई है। किसान संगठनों के साथ देश के सभी श्रमिक संगठनों और नौजवानों ने भी इस संघर्ष में भागीदारी का ऐलान किया है। इसलिये आगामी 25 फ़रवरी को किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ मध्यप्रदेश बंद आव्हान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक में किया गया है।
मध्यप्रदेश के किसानों का व्यापक प्रतिनिधित्व करने वाले किसान संगठनों की ऑनलाइन बैठक में इस आंदोलन की चरणबद्ध रुपरेखा तय की गई। बैठक में मेधा पाटकर, डॉ सुनीलम, बादल सरोज, अरविन्द श्रीवास्तव, उमेश तिवारी, रामनारायण कुररिया, प्रह्लाद बैरागी, डीडी वासनिक, सत्यम पांडेय, राहुल राज आदि इस बैठक में उपस्थित थे। बैठक में वक्ताओं ने बताया कि चुनाव प्रचार में तो भाजपा किसान की आमदनी दोगुनी करने का जुमला उछाल रही यही परंतु राज्यसभा से जबरन ध्वनिमत से पारित कराये गए ये विधेयक किसान को समर्थन मूल्य से भी वंचित कर देगी और मंडी विहीन खुले बाजार में किसानों को बंधुआ मजदूर बना देगी। इसी तरह खेती में कॉर्पोरेट कंपनियों को प्रवेश देकर यह सरकार निलहे अंग्रेज साहबों के युग को वापिस लेकर आ रही है। जाहिर है इन कानूनों के लागू होने से देश के किसान बर्बाद होंगे और उनके बड़ी संख्या में खेती छोड़ने से देश की खाद्य सुरक्षा और अंततः संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है। वास्तव में यही मोदी सरकार का एजेंडा है जिसे देश के किसान कभी सफल नही होने देंगे। इसलिये देश भर के तमाम किसान संगठनों ने 25 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन का शंखनाद किया है।
इस आंदोलन के तहत मध्यप्रदेश बंद का ऐलान किया गया है जिसके लिए विभिन्न जिलों और अंचलों में व्यापक किसान संपर्क अभियान और समन्वय स्थापित किया जा रहा है। अगले दो दिनों में विभिन्न जिलों में स्थानीय स्तर पर प्रतिरोध आयोजित किये जायेंगे। देश के प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा भी जन प्रतिरोध का आव्हान किया गया है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने प्रदेश के सभी किसानों, खेतिहर श्रमिकों, किसान संगठनों, व्यापारियों एवं जनता के सभी तबकों से 25 सितंबर के देशव्यापी किसान प्रतिरोध एवं मध्यप्रदेश बन्द को सफल बनाने हेतु सहयोग करने का आव्हान किया है