बदरा कॉलोनी में 5 दिनों से पानी सप्लाई बंद अगले 5 दिनों तक बनने की उम्मीद नहीं* *बूंद बूंद पानी को तरसते कॉलोनी वासी*
*बदरा कॉलोनी में 5 दिनों से पानी सप्लाई बंद अगले 5 दिनों तक बनने की उम्मीद नहीं*
*बूंद बूंद पानी को तरसते कॉलोनी वासी*
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल जिसे कि मिनी रत्न और महारत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त है जमुना कोतमा क्षेत्र में इन दिनों पीने के पानी का भारी संकट है भदरा उपक्षेत्र अंतर्गत समस्त कॉलोनियों में विगत 5 दिनों से 38 नंबर बोर होल के पंप खराब होने से जल संकट की स्थिति उपन्न होने के कारण त्राहि -त्राहि है। विगत कई वर्षों से डबल स्टोरी में पानी ऊपरी मंजिल में वैसे भी नही चढ़ता था। अब तो बून्द बून्द पानी को मोहताज हैं। इस क्षेत्र में बदरा कालरी के श्रमिक नगर व बीमा ग्राम मे हमेशा जल संकट का कष्ट से पीडित रहा है। नवागत महाप्रबंधक महोदय को सिविल विभाग अपनी कमजोरी छिपाने के कारण स्पष्ट और सही जानकारी नही दे रहा है। क्योंकि आम श्रमिक जानता है कि नवागत महा प्रबंधक अति अनुशासित, कर्तव्य परायण और श्रमिक हितों के लिए सजग है
इसलिए कॉलोनी वासियों ने आपसे श्रमिकों की ओर से उनके हित मे आवश्यक कार्यवाही हेतु अति शीघ्र कई वाटर टैंकर उप्लब्ध करवाने हेतु कृपा कर हम सब श्रमिकों को अनुग्रहीत करें जानकारी के मुताबिक केवल एक ही पंप मशीन था जो जल गया है जिसे बनने के लिए भेजा गया है और उसे बंद कर आने में अभी 10 दिन और लगेंगे तब तक पानी की समस्या बरकरार रहेगी अब सवाल यह उठता है कि जब एसईसीएल को मिनी रत्न कंपनी का दर्जा प्राप्त है तो विकल्प के रूप में पंप जलने पर दूसरा पंप क्यों नहीं रखा गया है यह अपने आप में प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है वहीं पर अभी प्रबंधन द्वारा ऊंट के मुंह में जीरा के समान कालरी के फायर ब्रिगेड से श्रमिक नगर कॉलोनी में पानी की सप्लाई किए जाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है उससे कुछ ही लोगों को पानी मिल पा रहा है वह भी भारी कठिनाई के साथ नवागत महाप्रबंधक से समस्त कॉलोनी वासियों के साथ-साथ हिंदू कोयला मजदूर सभा के अध्यक्ष श्री कांत शुक्ला ने भी मांग किया है कि अति शीघ्र नया पंप खरीदकर पानी सप्लाई शुरू किया जाए और निकट भविष्य में पंप खराब होने की स्थिति में एक अलग से पंप रखा जाना चाहिए तभी इस समस्या से निदान मिल सकता है और जब तक पानी की सप्लाई शुरू नहीं होती है तब तक वहां के कर्मचारियों को अन्यत्र ड्यूटी लगाई जाए